मुंबई हवाई अड्डे का नाम 'डीबी पाटिल' रखने की मांग को लेकर जुटे 25,000 से ज्यादा प्रदर्शनकारी
मुंबई। महाराष्ट्र में नवी मुंबई, कल्याण और डोंबिवली के 25,000 से अधिक प्रदर्शनकारी सिडको भवन तक एक विरोध मार्च में शामिल हुए। जिसमें नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम उस परियोजना से प्रभावित लोगों (पीएपी) के नेता डीबी पाटिल (दिवंगत) के नाम पर रखने की मांग की गई। वहीं, नवी मुंबई पुलिस ने उन्हें अनुमति देने से इनकार किया था, फिर भी भीड़ जुटी तो प्रदर्शनकारियों की तस्वीरें खींचने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया, ताकि उनके खिलाफ मामला दर्ज किए जाने में सुबूत के तौर पर इस्तेमाल हो सके।
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हजारों प्रदर्शनकारियों में भाजपा कार्यकर्ता, पीएपी और मनसे पार्टी के एकमात्र विधायक प्रमोद (राजू) पाटिल शामिल थे, उन्हें पाम बीच रोड स्थित एनएमएमसी मुख्यालय पर रोक दिया गया। यह विरोध-प्रदर्शन 4 घंटे तक चला। बाद में पीएपी की कोर एक्शन कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि, उन्होंने मांग की है कि सिडको बोर्ड शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे के नाम पर हवाईअड्डे का नाम देने के प्रस्ताव को रद्द कर दे और इसके बजाय पाटिल के नाम पर एक नया प्रस्ताव पेश करे। समिति ने 15 अगस्त की समय सीमा दी और कहा- वरना पीएपी सिडको को हवाईअड्डे का काम जारी नहीं रखने देंगे।
इस मामले पर डीसीपी (स्पेशल ब्रांच) रूपाली अंबुरे का कहना है कि, स्थिति पर काबू पाने के लिए नवी मुंबई 2,800 पुलिसकर्मी और करीब 500 अतिरिक्त बल के जवान, आयुक्त और 7 एसआरपीएफ कंपनियों के अधिकारियों की तैनाती की गई थी। हालांकि, फिर भी प्रदर्शन हुआ और वहां लगभग 25 हजार लोग जुटे। हमने वहां कोई अप्रिय घटना नहीं होने दी। अब इस मामले में एफआईआर दर्ज की जाएगी।
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उधर, विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली समिति के अध्यक्ष दशरथ पाटिल ने कहा, "हमारे प्रतिनिधिमंडल ने सिडको के अध्यक्ष के कार्यालय को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया था कि उसके बोर्ड कोहवाई अड्डे का नाम ठाकरे करने के प्रस्ताव को रद्द करना चाहिए।' वहीं, मनसे प्रमुख राज ठाकरे की पार्टी के एकमात्र विधायक प्रमोद (राजू) पाटिल ने कहा कि, यह हवाईअड्डा मुंबई एयरपोर्ट का एक्सटेंशन है, इसलिए इसका नाम वही होगा।