8 मार्च को मुंबई मेयर का चुनाव, शिवसेना ने दर्ज कराया विरोध
बृहन्मुंबई महानगरपालिका में 227 सदस्य हैं, यानी मेयर पद हासिल करने के लिए आधे सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है। बीजेपी और शिवसेना की सीटों के आंकड़े बहुमत से काफी दूर हैं।
नई दिल्ली। बीएमसी चुनाव के नतीजे आ चुके हैं, अब सभी को इंतजार है कि आखिर मुंबई का मेयर कौन होगा? मुंबई के मेयर का चुनाव 8 मार्च को होगा, जब नवनिर्वाचित सदस्यों की पहली बैठक होगी। बीएमसी अधिकारी ने बताया कि मेयर पद का नामांकन भरने की आखिरी तारीख 8 मार्च है, उसी दिन मेयर पद का चुनाव भी होगा। हालांकि शिवसेना ने 8 मार्च को मेयर चुनाव कराने पर सवाल खड़े किए हैं।
बीजेपी और शिवसेना में कांटे की टक्कर
इस बार के बीएमसी चुनाव में बीजेपी और शिवसेना के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली। जिसमें शिवसेना सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जिसे 84 सीटों मिली हैं, वहीं शिवसेना से बिल्कुल पीछे भारतीय जनता पार्टी है, जिसने 82 सीटें अपने नाम की हैं। इस तरह से दोनों ही दल मुंबई मेयर का पद हासिल करने की कवायद में जुटे हुए हैं।
शिवसेना बहुमत जुटाने की कवायद में जुटी
बृहन्मुंबई महानगरपालिका में 227 सदस्य हैं, यानी मेयर पद हासिल करने के लिए आधे सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है। बीजेपी और शिवसेना की सीटों के आंकड़े बहुमत से काफी दूर हैं। हालांकि शिवसेना की नजर मेयर पद पर है। पार्टी के मुखिया उद्धव ठाकरे ने पहले ही कहा है कि मुंबई में मेयर शिवसेना का ही होगा। शिवसेना की कोशिश यही है कि बिना बीजेपी का समर्थन मांगे किसी तरह से बहुमत का जुगाड़ किया जाए। इसके लिए शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे लगातार गुणा गणित बैठा रहे हैं।
बीजेपी 'वेट एंड वॉच' की रणनीति पर
दूसरी ओर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दिल्ली में बैठक की है। बीजेपी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पार्टी आलाकमान को यूपी में पिछले तीन चरणों के चुनाव में उत्साहजनक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। ऐसे में पार्टी सूत्रों के मुताबिक मुंबई मेयर के चुनाव में बीजेपी वेट एंड वॉट की रणनीति पर चल रही है।
बीएमसी चुनाव में शिवसेना ने जीती 84 सीटें, बीजेपी 82
शिवसेना की बात करें तो उनके 84 पार्षद चुनकर आए हैं, चार निर्दलीयों ने भी उनका समर्थन किया है। वहीं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का रुख देख कर लग रहा है कि वो भी शिवसेना को समर्थन कर सकती है। दूसरी ओर बीजेपी के 82 पार्षद हैं, लेकिन उसे कहीं से भी आगे समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है। ऐसे पार्टी किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखाना चाहती है।
क्या बीजेपी और शिवसेना मेयर पद को लेकर आएंगे साथ
फिलहाल शिवसेना और बीजेपी प्रदेश में मिलकर सरकार चला रहे हैं, लेकिन बीएमसी चुनाव उन्होंने अलग-अलग लड़ा है। ऐसे में क्या शिवसेना, बीजेपी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार से भी समर्थन वापस लेने का फैसला कर सकती है, इस पर शिवसेना के नेता गोरहे ने कहा कि पार्टी के मुखिया उद्धव ठाकरे इस मुद्दे पर सही समय देख कर फैसला लेंगे।