शिवसेना और भाजपा ने दिए हाथ मिलाने के संकेत, लेकिन मुख्यमंत्री कौन?
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे धीरे-धीरे पर स्पष्ट होते जा रहे हैं। अब तक के नतीजों के मुताबिक महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर ऊभरी है तो वहीं शिवसेना को जनता से नबंर दो का स्थान दया है। महाराष्ट्र की जनता ने कांग्रेस और एनसीपी को पूरी तरह नकार कर भाजपा और शिवसेना को सरकार बनाने का मौका दिया है। दरअसल दोनों ही पार्टियों में से किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिले है, ऐसे में महाराष्ट्र में सरकार बनाने दोनों पार्टियां साथ आ सकती है।
जिस तरह से शिवसेना ने बयान दिया है उम्मीद की जा रही है कि दोनों पार्टियां हाथ मिलाकर महाराष्ट्र में सरकार बनाने की दिशा में बढ़ सकती है। महाराष्ट्र शिवसेना के नेता अनिल देसाई ने भाजपा की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाने का इशारा करते हुए कहा कि लोगों ने भाजपा-शिवसेना को सरकार बनाने के लिए वोट दिया है।
अनिल देसाई ने टीवी चैनल के साथ बातचीत करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा और शिवसेना सात आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा ने सरकार बनाने के लिए एनसीपी का साथ लिया तो ये उनके लोगों के साथ विश्वासघात होगा। शिवसेना ने इशारा किया है को दोनों पार्टियां सरकार बना सकती हैं।
किसने
क्या
कहा:
शहनवाज
हुसैन:
भाजपा
प्रवक्ता
शहनवाज
हुसैन
ने
भी
गठबंधन
की
ओर
इशारा
किया।
हलांकि
मुख्यमंत्री
पद
को
लेकर
वो
सख्त
दिखे।
उनकी
बातों
से
एनसीपी
के
लिए
भी
नरमी
दिखी,
हलांकि
उन्होंने
कहा
कि
फाइनल
नतीजे
आने
के
बाद
पार्टी
फैसला
करेगी।
प्रकाश जावेड़कर: भाजपा सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री और महाराष्ट्र राजनीति के दिग्गज नेता प्रकाश जावेड़कर ने भी चुनावी नतीजों के बाद शिवसेना की ओर नरमी दिखाई है, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर वो सख्त दिखे।
संजय राउत: शिवसेना नेता और सामना के संपादक संजय राउत ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि महाराष्ट्र में वो भाजपा के साथ आने को तैयार है, लेकिन मुख्यमंत्री उनकी पार्टी का ही होगा।
क्या है सरकार बनाने के विकल्प
1.
महाराष्ट्र
में
सरकार
बनाने
के
लिए
दो
विकल्प
है।
पहला
विकल्प
है
कि
भाजपा
और
शिवसेना
सात
में
आ
जाए।
अगर
ऐसा
होता
है
तो
भाजपा-शिवसेना
बहुमत
के
आंकड़े
के
कहीं
ज्यादा
होंगें।
2.
वहीं
भाजपा
के
बाद
दूसरा
विकल्प
ये
भी
है
को
वो
एनसीपी
के
साथ
जाए।
अगर
शरद
पवार
की
पार्टी
ने
भाजपा
का
साथ
दिया
तो
भाजपा
153
का
आंकड़ा
पार
कर
लेगी।