काली स्याही और जूता मार, अब महाराष्ट्र से चप्पल मार सिलसिला
मुंबई। पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि चुनावी मौसम में नेताओं पर जूता मारने की घटनाएं आ रही थीं। लेकिन दिल्ली विधानसभा में काली स्याही किसी केजरीवाल के मुंह पर काली स्याही पौतने की घटना ने मानों काली स्याही को ही मशहूर कर दिया हो। अब लोग काली स्याही पर उतर आए हैं।
कभी वो समय था कि आम आदमी नेताओं मंत्रियों से अपना गुस्सा जताने से पहले ही घबरा गया था और अब वो समय जब पानी सिर से ऊपर चला जा रहा है। इसमें कई लोग अपने गुस्से को जाहिर करते देखे जाते हैं तो कई किसी राजनीतिक पार्टी की विचारधारा से तालुक रखते हैं तो उसी राजनीतिक पार्टी का टूल बन जाते हैं।
देखने में आ रहा है कि जूता मारने के बाद मुंह पर काली स्याही फेंकने का चलन तो आय दिन सुर्खियों आ ही रहा है। लेकिन आपको बता दें कि एक नया चलन यहां पर आया है। वो है चप्पल का चलन। अभी महाराष्ट्र संभवतः चप्पल से किसी नेता के मुंह पर वार करने का यह पहला ही मामला हो सकता है। जबकि इससे पहले तक तो जूता या काली स्याही से ही वार किया जा रहा था। आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर एक महिला कार्यकर्ता ने अपनी चप्पल उठाकर मार दी है।
एक नेता हुआ मुंह काला
अभी चुनाव होने में दो महीने हैं। लेकिन इससे पहले ही ऐसे मामले आने लगे हैं। कार्यकर्ता और लोग अपनी झूंझल कुछ इस तरह ही निकाल रहे हैं। अभी हाल महाराष्ट्र के सहकारी मंत्री हर्षवर्धन पाटिल के मुंह पर काली स्याही फेंकी गई थी। जिसके बाद उनका मुंह काला हो गया था।