मुकदमे से नाम हटाने के लिए दस-दस हजार की मांग कर रहा दारोगा कैमरे में कैद
मुरादाबाद। एक मुकदमे में विवेचना से अभियुक्तों के नाम निकालने के नाम पर लोगों से तीस हजार की रिश्वत लेने के आरोप में एक उप निरीक्षक को गिरफ्तार किया गया है। पीड़ित ने उप निरीक्षक की रुपए मांगते हुए वीडियो बनाकर एसएसपी से न्याय की गुहार लगाई थी। एसएसपी ने साक्ष्यों के आधार पर सिविल लाइंस थाना में मुकदमा दर्ज कर उप निरीक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बताते चलें कि सावन के महीने में थाना सिविल लाइन की आशियाना चौकी क्षेत्र में एक कार की कांवरियों से टक्कर लग गई थी। टक्कर लगने के बाद स्थानीय लोगों ने कार में तोड़फोड़ कर हंगामा किया था। हंगामे की वीडियो चौकी इंचार्ज अभिनव देशवाल ने बनाई थी, जिसके बाद चौकी इंचार्ज ने 125 लोगों के खिलाफ अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया था।
चौकी इंचार्ज ने लोगों को मुकदमे में से नाम निकालने के नाम पर लोगों से दस दस हजार रुपये की मांग की, 8 से 10 लोगों ने नाम निकलवाने के लिए रुपए दे भी दिए। तीन और लोगों के नाम निकालने के लिए तीस हजार की मांग की गई।
पीड़ित ने इसकी शिकायत एसएसपी अमित पाठक से की तो एसएसपी ने रिश्वत लेने के साक्ष्य दिखाने की बात की, जिस पर पीड़ित ने अपने एक सहयोगी के साथ दरोगा की रुपए मांग करते हुए और रुपया लेते हुए का एक वीडियो बनाकर एसएसपी को सौंप दिया। जिस पर एसएसपी अमित पाठक ने सिविल लाइंस थाना में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
मुकदमा दर्ज होने के बाद उपनिरीक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। वीडियो बनाने वाले विक्रांत शर्मा ने बताया कि एक मुकदमे में लोगों के नाम निकलवाने के नाम पर दरोगा की तरफ से रिश्वत की मांग की जा रही थी। तीन लोगों के नाम निकालने के नाम पर 30 हजार रुपये की मांग की गई, जिसका एक वीडियो बनाकर एसएसपी को सौपा गया, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
इस मामले में एसएसपी अमित पाठक का कहना है कि सिविल लाइन्स थाना में उप निरीक्षक के खिलाफ रिश्वत लेने का मामला दर्ज किया गया है। एक मुकदमे की विवेचना में से नाम हटाने के लिये दस-दस हजार की मांग की गई थी। साक्ष्यों के आधार पर को गिरफ्तार किया गया। कुछ समय पहले एक गांव प्रेमनगर में एक गाड़ी पर तोड़फोड़ की गई थी, उसी मामले में मुकदमे में से नाम हटाने के नाम पर रिश्वत मांगी गई थी।