धान खरीद केंद्र पर नहीं है पिछले तीन दिनों से कोई कर्मचारी, किसान बोले- किसे बेचें?
मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश में धान खरीद केंद्रों पर शुरू हो चुकी है और प्रदेश सरकार द्वारा ऐसा दावा किया जा रहा है कि खरीद केंद्रों पर व्यवस्थाएं दुरुस्त है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले से है। यहां डिंडोरी गांव में यूपी सरकार के खरीद केंद्र पर पिछले 3 दिनों से कोई भी कर्मचारी व अधिकारी उपस्थित नहीं है। धान खरीद केंद्र पर अधिकारी व कर्मचारियों के उपस्थित न होने से किसान परेशान है और वो वो अपनी फसल नहीं बेच पा रहे हैं। तो वहीं, किसानों का सवाल है कि वो अपना धान किसे बेचें?
प्राइवेट
व्यापारी
औने-पौने
दामों
पर
खरीद
रहे
है
धान
दरअसल,
सरकारी
धान
खरीद
केंद्र
के
बाहर
प्राइवेट
व्यापारियों
के
लोग
किसानों
को
बहला-फुसलाकर
औने-पौने
दामों
पर
धान
खरीद
लेते
है।
इतना
ही
नहीं,
वो
सरकारी
रेत
से
करीब
400
से
500
रुपए
कम
पर
धान
की
खरीद
करते
है।
इस
मुद्दे
को
उठाते
हुए
13
अक्टूबर
को
कांग्रेस
महासचिव
प्रियंका
गांधी
ने
प्रदेश
सरकार
पर
हमला
बोला
था।
प्रियंका
गांधी
ने
ट्वीट
करते
हुए
कहा
था
कि
सरकार
उत्तर
प्रदेश
में
किसानों
को
धान
का
वाजिब
मूल्य
दिलाने
में
नाकाम
है।
तीन
दिन
से
किसान
कर
रहे
है
इंतजार
वहीं,
अब
मुरादाबाद
जिले
के
डिंडोरी
गांव
के
सरकारी
धान
क्रय
केंद्र
पर
किसान
पिछले
3
दिनों
से
सरकारी
कर्मचारी
या
अधिकारी
का
इंतजार
कर
रहे
हैं।
एक
किसान
ने
कहा
कि
यहां
कोई
नहीं
है।
हम
अपना
धान
बेचना
चाहते
हैं
लेकिन
वे
बहाने
बना
रहे
हैं
ताकि
खरीद
में
देरी
हो
जाए।
किसानों
ने
कहा
कि
हर
साल
सरकारी
कर्मचारी
और
दलालों
के
बीच
साठगांठ
के
चलते
उन्हें
ये
झेलना
पड़ता
है।
सरकारी
कर्मचारी
चाहते
ही
नहीं
हैं
कि
खरीद
हो,
क्योंकि
उसमें
उनकी
कमाई
नहीं
होती
है।
वे
किसी
तरह
मामले
को
लटकाते
रहते
हैं।
आखिरकार
परेशान
दूसरी
जगह
औने-पौने
दाम
में
धान
बेच
देता
है,
और
उन
लोगों
से
कमीशन
कर्मचारियों
को
मिल
जाता
है।
क्या
कहा
नोडल
अधिकारी
ने...
उधर,
मुरादाबाद
धान
क्रय
केंद्र
के
नोडल
अधिकारी
अशोक
कुमार
ने
कहा
कि
हमने
रिपोर्ट
मांगी
है
यदि
ऐसा
है
तो
कार्रवाई
की
जाएगी,
क्योंकि
सरकार
ने
किसानों
की
उपज
खरीदने
के
लिए
खरीद
केंद्रों
को
खुला
रखने
के
सख्त
निर्देश
दिए
हैं।
दोषियों
पर
सख्त
कार्रवाई
की
जाएगी।
उन्होंने
कहा
कि
सरकार
ने
साफ
आदेश
दिया
है
कि
किसानों
से
खरीद
के
लिए
धान
क्रय
केंद
खुले
रखने
हैं।
हम
दोषियों
को
छोड़ेंगे
नहीं।