मुरादाबाद: कोरोना से मौत से पहले भाजपा पदाधिकारी ने किया मैसेज- यहां कोई डॉक्टर नहीं, मुझे मार डालेंगे
मुरादाबाद। 8 सितंबर मंगलवार को मुरादाबाद में कटघर निवासी भाजपा के महानगर महामंत्री राकेश खरे का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया था। अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक, उनकी मौत सुबह सात बजे हुई थी। उनके मोबाइल में परिजनों ने एक वाट्सएप मैसेज देखा है जिसको राकेश खरे ने सोमवार और मंगलवार के बीच की रात को 2 बजे मुरादाबाद भाजपा महानगर अध्यक्ष धर्मेंद्र नाथ मिश्रा को भेजा था। इसमें उन्होंने लिखा था कि मुझे बचा लीजिए, आज की रात कठिन है, यहां कोई डॉक्टर नहीं है, ये लोग मुझे मार डालेंगे। परिजनों का कहना है कि इस मैसेज के बारे में महानगर अध्यक्ष ने उनको नहीं बताया। अमर उजाला की खबर के मुताबिक, राकेश खरे की पत्नी ने कहा कि इलाज में गड़बड़ी हुई है, इस मैसेज की जांच होनी चाहिए।
परिजनों
ने
की
जांच
की
मांग
मौत
से
पांच
घंटे
पहले
भाजपा
महानगर
अध्यक्ष
को
भेजे
गए
इस
मैसेज
में
राकेश
खरे
ने
लिखा
था,
अध्यक्ष
जी,
यहां
यह
स्थिति
है
कि
कोई
डॉक्टर
नहीं
है,
सभी
अपना
रिसर्च
कर
रहे
हैं।
मुझे
अच्छे
में
ही
मार
डालेंगे।
मुझे
बचा
लीजिए,
आज
की
रात
कठिन
है।
50
वर्षीय
राकेश
खरे
कोरोना
संक्रमित
होने
के
बाद
इलाज
के
लिए
29
सितंबर
से
टीएमयू
में
भर्ती
थे।
पत्नी
लक्ष्मी
ने
बताया
कि
पति
राकेश
खरे
का
मोबाइल
वो
चेक
कर
रही
थीं
तो
उनको
महानगर
अध्यक्ष
को
भेजा
गया
मैसेज
दिखा।
कहा
कि
इस
मैसेज
में
इलाज
में
गड़बड़ी
की
बात
उन्होंने
लिखी
है,
इसकी
जांच
होनी
चाहिए।
राकेश
खरे
के
पिता
ने
कहा
कि
उनका
बेटा
भाजपा
का
कर्मठ
और
जुझारू
कार्यकर्ता
था।
वह
परिवार
का
इकलौता
कमाने
वाला
था।
कहा
कि
बेटे
की
मौत
की
जांच
की
मांग
को
लेकर
वे
भाजपा
पदाधिकारियों
और
अफसरों
से
मिलेंगे।
महानगर
अध्यक्ष
ने
क्यों
नहीं
बताया?
पत्नी
लक्ष्मी
का
कहना
है
कि
इस
मैसेज
के
बारे
में
उनको
महानगर
अध्यक्ष
ने
क्यों
नहीं
बताया?
इसके
जवाब
में
महानगर
अध्यक्ष
धर्मेंद्र
नाथ
मिश्रा
ने
कहा
कि
हालात
ऐसे
नही
थे।
कहा
कि
अगर
परिजनों
को
मैसेज
दिखाता
तो
वो
और
भी
ज्यादा
परेशान
हो
जाते।
राकेश
जैसे
जुझारू
कार्यकर्ता
के
जाने
से
पार्टी
को
झटका
लगा
है।
उसके
इलाज
में
हमने
कोई
कोताही
नहीं
होने
दी।
डीएम
से
बात
करने
पर
वे
भी
टीएमयू
को
लगातार
राकेश
खरे
के
बेहतर
इलाज
के
लिए
निर्देश
देते
रहे।
कहा
कि
राकेश
के
फेफड़े
काम
नहीं
कर
रहे
थे
इसलिए
उनको
डॉक्टर
बचा
नहीं
पाए।
राकेश
खरे
के
साथ
भाजपा
संगठन
खड़ा
है
और
हमारी
संवेदना
उनके
साथ
है।
टीएमयू
को
कोविड
प्रभारी
वीके
सिंह
ने
भी
कहा
कि
राकेश
खरे
को
बचाने
में
पूरी
ताकत
लगाई
गई
थी।
उनको
प्लाज्मा
थेरेपी,
रेमडेसिविर
दवाई
समेत
अन्य
सभी
उपचार
दिए
गए।
वेंटिलेटर
पर
भी
उनको
रखा
गया
लेकिन
वो
रिकवर
नहीं
हो
पाए।
उनको
डायबिटीज
और
फेफड़े
की
भी
बीमारी
थी।
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