मुरादाबाद: स्वास्थ्य विभाग की टीम और पुलिस पर पत्थर फेंकने वाले 17 लोग गिरफ्तार, 7 महिलाएं भी शामिल
मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में स्वास्थ्य विभाग की टीम और पुलिसकर्मियों पर हमला करने के मामले में 7 महिलाओं समेत 17 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक एफआईआर दर्ज हुई है। पुलिस का कहना है कि ड्रोन कैमरों की मदद से पकड़े गए लोगों की पहचान की गई थी। घटनास्थल के पास महिलाएं और पुरुष छत से पथराव करते देखे गए थे। बता दें कि इस हमले में एक डॉक्टर सहित सात पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इतना ही नहीं एक एम्बुलेंस व दो गाड़ियां भी इस हमले में क्षतिग्रस्त हो गई थी।
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क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक, मामला नागफनी थाना क्षेत्र के हाजी नेब की मस्जिद इलाके का है। यहां सरताज अली की तबीयत बिगडने इलाज के लिए तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। उसकी लक्षण को देखते हुए नौ अप्रैल को उसका सैंपल लिया गया था। 13 अप्रैल को देर शाम उसकी रिपोर्ट मिली, जिसमें कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई। उसी दिन रात दस बजे उसकी मौत हो गई। देर रात सरताज के परिजनों को क्वारंटाइन के लिए आइएफटीएम यूनिवर्सिटी ले जाया गया। सरताज के छोटे भाई को भी तीन दिन से बुखार होने के कारण उसे क्वारंटाइन के लिए ले जाने के लिए बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम इलाके में पहुंची।
स्वास्थ्य विभाग और पुलिस टीम पर किया पथराव
टीम के वहां पहुंचने के बाद मुहल्ले के लोग एकत्रित होना शुरू हो गए और बाकी परिजनों को ले जाने का विरोध करने लगे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उन्हें समझाने की कोशिश तो भीड़ में मौजूद कुछ लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और देखते-देखते ही टीम पर हमलावर हो गए। टीम खुद को बचाते हुए भागने लगी तो पथराव कर दिया। पथराव होते देख टीम के साथ गए चारों पुलिस वाले मैदान छोड़कर भाग निकले। इस हमले में जिला अस्पताल के डाक्टर एससी अग्रवाल, फार्मासिस्ट संजीव कुमार और ईएमटी पंकज सिंह समेत छह स्वास्थ्यकर्मी घायल हो गए। इनमें डाक्टर की हालत नाजुक बनी हुई है। हमले में कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। एंबुलेंस और पुलिस जीप भी क्षतिग्रस्त कर दी गई।
17 लोगों को किया गिरफ्तार
डीएम और एसएसपी ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर पथराव में शामिल सात महिलाओं समेत 17 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों में 200 अज्ञात भी हैं। इन पर कातिलाना हमले और लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है। मौके पर पहुंचे आईजी रमित शर्मा का कहना है कि हमलावरों पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आदेश दिया है कि दोषी व्यक्तियों ने जो राजकीय संपत्ति का नुकसान किया है उसकी भरपाई भी उनसे सख्ती से की जाएगी।