पिता की तेरहवीं पर भोज न कर भूखे-प्यासे जा रहे लोगों को खिलाया खाना, दिया मास्क
मिर्जापुर। लॉकडाउन के चलते पूरे देश में आवागमन बंद कर दिया गया है, लोगों को घरों में रहने का निर्देश दिया गया है। इस बीच दूरदराज में फंसे लोग पैदल घर की ओर चल दे रहे हैं। यूपी में मिर्जापुर के अहरौरा थाना क्षेत्र के बुढ़ादेयी निवासी एक व्यक्ति ने अपने पिता की तेरहवीं न कर पैदल घर की ओर जा रहे अहसहाय और गरीबों को भोजन का पैकेट बांटा।
17 मार्च को समाजसेवी दीनानाथ का निधन हो गया था। इस बीच 23 मार्च को लॉकडाउन हो गया। लॉकडाउन के चलते सभी को घरों में रहने का निर्देश दिया गया। इस बीच दीनानाथ का पुत्र उमाशंकर प्रजापति प्रतिदिन श्राद्घ कर्म के लिए गंगा घाट जाता। इस दौरान उसे रास्ते में भूखे-प्यासे लोग पैदल जाते मिलते। इस पर उसने फैसला किया कि वह अपने पिता की तेरहवीं पर ब्राह्मण भोज न कर भूखे-प्यासों को भोजन का पैकेट वितरित करेगा।
पुलिस के सहयोग से भोजन का पैकेट पूड़ी-सब्जी, लड्डू वितरित किया। साथ में कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क और सेनेटाइजर भी लोगों को दिया। बुढ़ादेयी गांव के गरीब बच्चों के पढ़ने के लिए दीनानाथ ने बेसिक शिक्षा परिषद को मल्टीस्टोरी स्कूल भवन निर्माण के लिए अपनी जमीन दान दी थी। उनके समाज सेवा की प्रेरणा से ही उनके पुत्र उमाशंकर ने ब्राह्रमण भोज न कराकर भूखे लोगों को भोजन कराने का फैसला किया।
बरेली में बाहर से आए लोगों पर केमिकल का छिड़काव, गरीबों की जिंदगी से खिलवाड़