शहीद रवि सिंह: पत्नी से किया ये वादा रह गया अधूरा, तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचा शहीद का पार्थिव शरीर
मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के रहने वाले रवि कुमार सिंह ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए कश्मीर में अपने प्राण देश के लिए न्योछावर कर दिए। वीर जवान की शहादत पर जनपद ही नहीं पूरे देश को गर्व है। रवि कुमार परिवार के इकलौते चिराग थे। शहीद रवि सिंह का पार्थिव शरीर बुधवार की रात विशेष विमान से वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट लाया गया। गुरुवार की सुबह मिर्जापुर लाया गया। रामलीला मैदान में श्रद्धांजलि देने के बाद गांव के पास ही गंगा किनारे शहीद का अंतिम संस्कार होगा।
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2013 में हुई थी सेना में भर्ती
रवि कुमार मिर्जापुर के छानबे ब्लॉक के गौरा ग्राम में रहते थे। बचपन से ही देश की सेवा करने का सपना देखने वाले रवि कुमार सिंह की भर्ती वर्ष 2013 में सेना के 13 ग्रेनेडियर 29 राइफल में जबलपुर में हुई थी। रवि की शादी 22 जून 2018 में एलआईयू में तैनात दरोगा कमलेश सिंह की पुत्री रेखा सिंह से हुई थी। इसी साल फरवरी महीने में अपने चचेरे भाई की शादी में गांव आकर शामिल होने के बाद ड्यूटी पर वापस लौटते ही रवि की पोस्टिंग कश्मीर के बारामुला सेक्टर में हो गई थी। 17 अगस्त को परिजनों से बात करते हुए रवि ने बताया था कि वह एक ऑपरेशन पर निकल रहे हैं। दोपहर में पत्नी से बात करते हुए बताया कि गोलियां चल रही हैं। ऑपरेशन के बाद लौट कर बात करूंगा।
पत्नी ने कहा- उन्होंने वादा किया था तुम्हारा साथ कभी नहीं छोडूंगा
पत्नी रेखा ने बताया कि उन्होंने कहा था, 'मैं इस बार 2 महीने की छुट्टी लेकर दीपावली पर आऊंगा और वहीं घर पर त्यौहार मनाऊंगा।' आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान रवि की आखिरी बात अपनी पत्नी रेखा से हुई थी। पति के बलिदान पर आज रेखा को गर्व है।पत्नी का कहना है कि देश के लिए अपनी जान का बलिदान कर वह अमर हो गए हैं, पर उनकी यादें हमारे दिलों में और घर के कोने-कोने में आज भी मौजूद हैं। यह अमिट याद कभी नहीं मिट सकती, वह कल भी थे और आज भी मेरे साथ है, उन्होंने वादा किया था कि मैं तुम्हारा साथ कभी नहीं छोडूंगा।
पिता ने कहा- मेरा सीना सीना फक्र से चौड़ा हो गया
आतंकवादियों से मुठभेड़ करते हुए 25 वर्षीय रवि ने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय देते हुए अपने प्राणों को देश की मिट्टी की हिफाजत करते हुए न्योछावर कर दिया। पिता का कहना है कि आज मेरा सीना फक्र से चौड़ा हो गया मेरे बेटे ने अपने बलिदान से परिवार ही नहीं देश का नाम रोशन किया है। पिता ने कहा कि मेरा एक ही बेटा है, काश ईश्वर ने दूसरा बेटा दिया होता तो उसे भी मैं देश की सेवा के लिए भेज देता। बता दें, रवि के पित संजय गले के कैंसर से जूझ रहे हैं। वह खुद भी सरकार के आदेश पर देश की सेवा में जाने को तैयार हैं। शहीद की मां ने कहा कि मेरा बेटा शेर था शेर है और शेर रहेगा, उसने अपने देश की रक्षा के लिए खुद को बलिदान कर दिया। ईश्वर ने मुझे दूसरा बेटा दिया होता तो मैं उसे भी देश की रक्षा में दे देती।