वोट डालने के बाद पल-पल होगी EVM की निगरानी, मतदान कर्मियों के गाड़ियों में होगा GPS
Mirzapur news। मिर्जापुर। मतदान के बाद ईवीएम के बदले जाने के आरोपों से बचने के लिए निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के दौरान ईवीएम पर नजर रखने के लिए मतदान कर्मियों के वाहनों की निगरानी जीपीएस सिस्टम से करने का फैसला किया है। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने जिला निर्वाचन अधिकारी व एआरटीओ(प्रशासन) को भेजे निर्देश में कहा है कि जिन वाहनों से ईवीएम के साथ मतदान कर्मी बूथों के लिए रवाना किए जाए उन पर जीपीएस सिस्टम या मोबाइल ट्रौकिंग सिस्टम से नजर रखी जाए। निर्वाचन आयोग का मानना है कि इससे ईवीएम की हेराफेरी के आरोपों से आसानी से बचा जा सकेगा। साथ ही निष्पक्ष चुनाव कराने में भी मदद मिलेगी।
वोटिंग के बाद GPS की निगरानी में
पोलिंग पार्टियों को मतदान केंद्रों पर रवाना करने के बाद मतदान कराके लौटने तक ईवीएम के पल-पल का ब्योरा रखा जाएगा। लिहाजा जिन वाहनों से पोलिंग पार्टियों को मतदान कराने के लिए ईवीएम और वीवीपैट के साथ रवाना किया जाएगा, उन वाहनों को जीपीएस सिस्टम से लैस करने का फैसला किया गया है। इससे कंट्रोल रूम में बैठ कर कोई भी अफसर वाहनों के लोकेशन पर आसानी से नजर रख सकेगा। वाहन से कौन कहां जा रहा है। इसका पूरा ब्योरा कंट्रोल रूम के अफसर के पास रहेगा।
कलक्ट्रेट में बनाया गया कंट्रोल रूम
निर्वाचन आयोग के निर्देश पर फ्लाइंग स्कॉट की टीमों के साथ ही मतदान कर्मियों के वाहनों पर नजर रखने के लिए कलक्ट्रेट स्थित जिला सूचना विज्ञान केंद्र में कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम में जीपीएस सिस्टम के साथ ही मोबाइल ट्रैकिंग सिस्टम की भी व्यवस्था की गई है। कंट्रोल रूम का अफसर जरूरत पड़ने पर किसी भी वाहन का लोकेशन ले सकता है।
जिले में मतदान केंद्रों की संख्या
जिले में मतदान कराने के लिए 2089 बूथ बनाए गए हैं। इन बूथों पर मतदान कराने के लिए 8356 कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। विभिन्न विभागों को मतदान कराने के लिए सूचना भेज दिया गया है। मिर्जापुर जिले के 2089 बूथों पर मतदान कराने के लिए 533 वाहनों की जरूरत होगी। इन में 478 बड़ी ट्रक और 55 छोटी ट्रक शामिल है। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी(प्रशासन) अलका शुक्ला ने बताया कि इन वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाने के लिए वाहन मालिकों को सूचना भेज दी गयी है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि मतदान से सप्ताह भर पहले वाहन में जीपीएस सिस्टम को लगवाने के लिए परिवहन विभाग के कार्यालय पहुंच जाए।
जीपीएस से यह होगा लाभ
उप जिला निर्वाचन अधिकारी यूपी सिंह ने बताया कि मतदान कर्मियों के वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगा दिए जाने से केवल निगरानी ही नहीं की जा सकेगी बल्कि वाहन चालक यदि किसी मतदान केंद्र तक नहीं पहुंच पा रहा है तो वह एप के माध्यम से संबंधित मतदान केंद्र का लोकेशन ले सकता है। मसलन किस स्थान पर स्थित है कौन सी सड़क जाएगी। यह भी वाहन में लगे मानीटर पर आसानी से देखा जा सकेगा।
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