मेरठः परिजनों का आरोप, कहा- ट्रैफिक से बचने के लिए किसान फास्टैग लेन में घुसा तो खींच दी थी रस्सी और हो गई मौत
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में बीते 3 जनवरी को टोल प्लाजा पर हुए किसान की मौत के मामले में दो वरिष्ठ अधिकारियों और कुछ बाउंसरों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन लोगों पर आरोप है कि 3 फरवरी को टोल प्लाजा के बाउंसरों और अधिकारियों ने 32 वर्षीय एक किसान सोहनवीर चौहान की कथित तौर पर पिटाई कर दी थी। मृतक किसान जब उसने कैश लेन में ट्रैफिक की भीड़ से बचने के लिए फास्टैग लेन के माध्यम से अपने गन्ने से लदी ट्रैक्टर ट्राली को निकालने की कोशिश की तो उसे पीटना शुरू कर दिया।
मृतक सोहनवीर चौहान मेरठ के दौराला थाना क्षेत्र के अंतर्गत दुल्हेरा गांव का निवासी था। मेरठ के एसपी (शहर) अखिलेश नारायण सिंह ने कहा कि फरार आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या की सजा) के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है, जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वरिष्ठ प्रबंधक, प्रबंधक और टोल प्लाजा के बाउंसरों की अनिर्दिष्ट संख्या के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, मृतक के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि टोल अधिकारी रोजाना टोल प्लाजा पर ड्यूटी कर रहे थे, लेकिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने का कोई प्रयास नहीं कर रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि टोल प्लाजा के अधिकारी मौत को दुर्घटना के रूप में पेश करके मामले को शांत करने की कोशिश कर रहे हैं।
मृतक के पिता रमेश और उनके बड़े भाई नवीन चौहान जो कि सिंगापुर में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करता है उसने आरोप लगाया कि "यह हत्या टोल प्लाजा के बाउंसरों और अधिकारियों द्वारा की गई एक सुनियोजित हत्या थी और अब वे इसे दुर्घटना के रूप में पेश करने के लिए मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें न्याय से वंचित कर रहे हैं। "
इस बीच, टोल प्लाजा के प्रबंधक प्रदीप चौधरी ने हत्या के आरोपों से इनकार किया और कहा कि किसान की मौत तेज गति के कारण उसके ट्रैक्टर के पलट जाने से हुई और वह उसके नीचे फंस गया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज दिए थे और उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा था।
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