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प्यार और अपनापन लेकर पाकिस्तान से लौटा 91 वर्षीय ये बुजुर्ग

91 वर्षीय कृष्ण कुमार खन्ना की आखिरी ख्वाहिश थी कि वह पाकिस्तान के शेखपुरा इलाके का दौरा करें। आखिरकार उनका सपना पूरा हो गया।

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मेरठ। जिस समय भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है। सीमा पर हालात बेहद खराब है। ऐसे वक्त में एक बुजुर्ग ने पड़ोसी मुल्क का दौरा किया और वहां से प्यार और अपनापन लेकर वापस लौटे हैं।

krishna khanna

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पाकिस्तान जाने का सपना हुआ पूरा

उत्तर प्रदेश के मेरठ में रहने वाले 91 वर्षीय बुजुर्ग का कई साल से सपना था कि वो पाकिस्तान जाएं और वहां के लोगों से मुलाकात करें। उनका ये सपना आखिरकार पूरा हो गया।

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91 वर्षीय कृष्ण कुमार खन्ना का सपना हुआ पूरा

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पाकिस्तान से लौटे कृष्ण कुमार खन्ना को ये अनुभव बेहद खास लग रहा है। उन्होंने बताया कि पड़ोसी मुल्क में उन्हें बहुत प्यार और सम्मान मिला। लोगों के बीच अपनेपन की भावना से वो गदगद हो गए।

91 वर्षीय कृष्ण कुमार खन्ना की आखिरी ख्वाहिश थी कि वह पाकिस्तान के शेखपुरा इलाके का दौरा करें। शेखपुरा में उनका पुश्तैनी घर था, लेकिन बंटवारे के दौरान उन्हें जबरन वहां से भारत भेज दिया गया।

पाकिस्तान में मिले प्यार और सम्मान से खुश हुए कृष्ण कुमार खन्ना

पाकिस्तान में मिले प्यार और सम्मान से खुश हुए कृष्ण कुमार खन्ना

टीओआई में छपी खबर के मुताबिक वह लगातार कोशिश कर रहे थे कि उन्हें पाकिस्तान का वीजा मिले जिससे वो वहां जा सकें लेकिन हमेशा किसी न किसी वजह से उन्हें वीजा नहीं मिला।

हालांकि बाद में उनका सपना पूरा हुआ और पाकिस्तान जाने का वीजा उन्हें मिल गया। कृष्ण कुमार खन्ना के मुताबिक उनका जिस तरह से पड़ोसी मुल्क में स्वागत हुआ उसे वो कभी भूल नहीं सकते।

सीमा पर तनाव के बीच दिल को खुश करने वाली खबर

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उनके मुताबिक लाहौर और शेखपुरा में स्थानीय लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। जिन लोगों के पास अभी हमारी दुकानें और मकान हैं उन्होंने हमें ही उनका 'असली मालिक' करार दिया।

कृष्ण कुमार खन्ना ने बताया कि मैंने जैसे ही उन लोगों को बताया कि मैं हिंदुस्तानी हूं उनकी आंखों में एक चमक सी आ गई। उनके मुताबिक पाकिस्तान के लोगों ने जैसे प्यार मुझे दिया, जो इज्जत मुझे बख्शी उसकी तो मैंने सपने में भी कल्पना नहीं की थी।

20 साल की उम्र में छोड़ना पड़ा था पाकिस्तान

20 साल की उम्र में छोड़ना पड़ा था पाकिस्तान

कृष्ण कुमार खन्ना जब 20 साल के थे तभी उनकों और उनके परिवार को पाकिस्तान छोड़ना पड़ा था। विभाजन से पहले हुई झड़प के दौरान दंगाईयों से सेना ने उनके परिवार को बचाया था।

उन्होंने बताया कि पाकिस्तान के इस दौरे से वहां के लोगों के प्रति मेरा नजरिया बदल चुका है। जिनसे भी मैं मिला उन्होंने मेरे भारतीय होने के बाद भी मेरा विरोध नहीं किया। हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि राजनीति कि वजह से हमारे रिश्ते खराब किए जा रहे हैं।

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English summary
91 year old UP resident returned from pakistan overwhelmed with the heart warming response.
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