COVID-19: मेरठ में दो और मरीजों की संक्रमण से मौत, अब तक 17 गंवा चुके हैं जान
मेरठ। कोरोना वायरस महामारी का कहर उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में जारी है। गुरुवार को मेरठ जिले में कोरोना संक्रमण से दो और लोगों की मौत हो गई। जिले में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 17 हो गई है।मेरठ जिले में ईश्वरपूरी की फूल मंडी निवासी 65 वर्षीय बुजुर्ग थे, जिनका 11 मई से लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था। रात दो बजे हालत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
वहीं, दूसरा मृतक अहमदनगर निवासी 22 वर्षीय युवक है, जिसे एक मई को दिल्ली रेफर किया गया था। वह लोकनायक अस्पताल में भर्ती था। युवक के परिजनों ने बताया कि दिल्ली पहुंचने के बाद उन्हें मौत की जानकारी हुई। उनका आरोप है कि युवक की मौत 10 मई को ही हो गई थी, इसके बावजूद न तो उन्हें जानकारी दी गई और न ही मेरठ के स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की तरफ से कुछ बताया गया।
युवक के परिजनों का कहना है कि उन्हें पहले से ही मौत की आशंकी थी। तीन दिन से वे युवक से फोन पर बात नहीं कर पा रहे थे। शहर विधायक रफीक अंसारी ने बताया कि उन्होंने बुधवार को प्रमुख सचिव से भी इसकी शिकायत की थी। उन्होंने कहा कि शव को दिल्ली से मेरठ लाने की अनुमति भी नहीं मिल रही है।
स्पेशल
टीम
ने
भी
किया
ग्राउंड
जीरो
का
मुआयना
मेरठ
में
लगातार
बढ़
रहे
कोराना
मामलों
को
देखते
हुए
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
की
स्पेशल
टीम
भी
ग्राउंड
जीरो
का
मुआयना
किया।
इसी
कड़ी
में
प्रमुख
सचिव
टी
वेंकटेश,
आईजी
पीटीएस
लक्ष्मी
सिंह
और
एडीजी
मेरठ
जोन
प्रशांत
कुमार
ने
गुरुवार
को
पूरे
शहर
का
भ्रमण
किया
और
ग्राउंड
जीरो
पर
संपूर्ण
लॉकडाउन
के
बाद
हालात
का
जायजा
लिया।
एक्सपेरिमेंट
के
तौर
पर
किया
गया
संपूर्ण
लॉकडाउन
मेरठ
के
नोडल
अधिकारी
और
प्रमुख
सचिव
टी
वेंकटेश
ने
बताया
कि
यहां
संपूर्ण
लॉकडाउन
एक
प्रयोग
के
तौर
पर
किया
गया
है।
बाकी
लॉकडाउन
आगे
बढ़ाए
जाने
पर
स्थानीय
प्रशासन
फैसला
लेगा।
उन्होंने
कहा
कि
आज
एक
एस्पेरिमेंट
के
तौर
पर
संपूर्ण
लॉकडाउन
किया
गया
है।
संपूर्ण
लॉकडाउन
के
दौरान
गुरुवार
को
दूध
और
दवा
के
अलावा
सारी
दुकानें
बंद
हैं।
किसी
को
भी
घर
से
बाहर
नहीं
निकलने
दिया
जा
रहा
है।
सिर्फ
इमरजेंसी
ड्यूटीज
की
गाड़ियां
ही
सड़कों
पर
नजर
आ
रही
हैं।