पैरालंपिक में 65 देशों के खिलाड़ियों को हराकर लाए थे गोल्ड, अब बेचने पड़ रहे हैं मिट्टी के बर्तन
मेरठ। कोरोना-लॉकडाउन का बुरा असर उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के इंटरनेशनल प्लेयर रवि कुमार पर भी पड़ा है। पैरालंपिक गेम्स में देश के लिए गोल्ड जीत चुके रवि कुमार को इन दिनों मिट्टी के बर्तन बेचने पड़ रहे हैं। उनका 50 फीसदी शरीर लकवाग्रस्त भी है। बावजूद इसके उन्होंने अपने आधे शरीर से ही कामयाबी की उड़ान भरी। इन दिनों कमाने-धमाने का कोई और जरिया नहीं मिला तो मिट्टी के बर्तन ही बेचने लगे।
मेरठ के प्लेयर रवि कुमार
संवाददाता ने बताया कि, वर्ष 2019 में वर्ल्ड पैराएथलीट चैंपिनयनशिप में 65 देशों के खिलाड़ियों के बीच रवि ने 100 मीटर रेस में गोल्ड जीता था। किंतु आर्थिक तंगी का शिकार यह खिलाड़ी अब अब कोरोना-काल के चलते मेरठ में पानी के घड़े बेच रहा है। उसके पास टीम इंडिया की टीशर्ट और हाथ में मिट्टी का घड़ा देखकर लोग एक बारगी चौंक जाते हैं।
देश को मेडल हर हाल में दिलाउंगा
रवि
कुमार
कहते
हैं
कि,
''हर
वक्त
एक
जैसा
नहीं
होता।
ऊंच-नीच
जीवन
में
लगा
रहता
है।''
हौसलों
की
उड़ान
देखिए
कि
इस
तंगहाली
में
भी
रवि
कुमार
ने
सपनों
को
सच
कर
दिखाने
का
जज्बा
नहीं
खोया।
रवि
ने
कहा
कि,
''मैं
2022
में
होने
वाले
एशियन
चैंपयिनशिप
की
भी
तैयारी
कर
रहा
हूं।
मुझे
खुद
पर
यकीन
है
कि
देश
को
मेडल
हर
हाल
में
दिलाउंगा।
हालात
चाहे
जैसे
हों।''
सरकार से मदद मिलनी चाहिए
वहीं , पिता बोले कि, आर्थिक रूप से कमजोर तबके को सरकार से मदद मिलनी चाहिए। हमारे बेटे ने पैराएथलीट चैंपयिनशिप में स्टेट, नेशनल और इंटरनेशनल स्तर पर कई पदक जीते हैं। बावजूद इसके कोई सरकारी मदद नहीं मिली।'