संजीव बालियान का विवादित बयान, JNU-जामिया में पश्चिम यूपी का कोटा तय कर दो, हम सबका इलाज कर देंगे
मेरठ। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने मेरठ में विवादित बयान दिया है। उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा, 'अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) और जामिया विश्वविद्याल (जामिया) में सीएए के खिलाफ नारा लगाने वालों का एक ही इलाज है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दस फीसदी छात्रों का आरक्षण करवा दीजिए, सबका इलाज करवा देंगे। किसी की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी। बता दें कि संजीव बालियान ने यह बात मेरठ में जनसभा को संबोधित करते हुए कही।
पश्चिम यूपी का कोटा तय कर दो
मेरठ-दिल्ली रोड पर शताब्दीनगर मैदान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सीएए को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री डॉ. बालियान ने कहा, 'मैं राजनाथ जी से निवेदन करूंगा, जो जेएनयू, जामिया में देश का विरोध में नारे लगाते हैं इनका इलाज एक ही है, पश्चिम उत्तर प्रदेश का वहां 10 फीसदी आरक्षण करवा दो, सबका इलाज कर देंगे, किसी की जरूरत नहीं पड़ने की।' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जेएनयू और जामिया में मिलाकर जितने छात्र पढ़ते हैं उससे ज्यादा तो यहां मेरठ कॉलेज में सीएए के पक्ष में बैठ चुके हैं।
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जुल्म सहने वालों की दी जा रही है नागरिकता
मंच से बोलते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से जो शरणार्थी यहां आए हुए हैं उनमें हमारे यहां आठ परिवार हैं। नागरिकता संशोधन कानून के पास होने से पहले मुझे भी इस बारे में ज्यादा अंदाजा नहीं था। लेकिन इसके बाद जब परिवारों के मुखिया से बात हुई तो सच सामने आया। एक परिवार के मुखिया ने बताया कि किस तरह से पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों की बेटियों-बहनों को जबरन उठाकर ले जाते हैं। ऐसा जुल्म सहने वालों को अगर नागरिकता दी जा रही है तो इसका भी विरोध हो रहा है।
षड्यंत्र के तहत हाथों में दिए पत्थर
उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि मोदी जी ने अच्छा काम किया है जो इन लोगों को रास नहीं आ रहा है। भारत तेरे टुकड़े-टुकड़े करने वाले सुधर जाएं तो देश के सामने कोई नहीं टिक पाएगा। उन्होंने कहा कि सीएए का विरोध करने वालों से जब मीडिया ने सवाल किए तो उनके जवाब कैसे थे। कोई कह रहा था कि हमें ट्रैक्टर के कागज दिखाने पड़ेंगे। किसी को उसके बारे में कुछ पता ही नहीं था। षड्यंत्र के तहत लोगों के हाथों में पत्थर दिए गए। उन्होंने लोगों से पूछा कि उपद्रवियों के घर कौन गया। यह टुकड़ा-टुकड़ा गैंग देश को बांटने में लगा है।