मेरठ: पार्षद की जैकेट पर लिखा था 'मैं आतंकी नहीं', निगम बैठक में हुआ जबरदस्त हंगामा
मेरठ। एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह के वायरल वीडियो के बीच अब मेरठ में एक ओर चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शनिवार को निगम पार्षद अब्दुल गफ्फार स्लोगन लिखी जैकेट पहनकर नगर निगम में पार्षदों के बीच पहुंच गए। जिसके बाद बीजेपी पार्षदों ने हंगाम शुरू कर दिया और अब्दुल गफ्फार को सदन से बाहर करने की मांग करने लगे। बता दें शहर के लिए 654 करोड़ का बजट पास होना था, मगर सब हंगामे की भेंट चढ़ा गया।
जैकेट पर लिखा था- आईएम नॉट टेररिस्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेरठ नगर निगम के पार्षद अब्दुल गफ्फार ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में अलग तरीके से विरोध जताया था। पार्षद अब्दुल गफ्फार काले रंग की जैकेट पहने हुए पार्षदों के कक्ष में गए थे। जैकेट के पीछे लिखा था- आईएम नॉट टेररिस्ट, बैक अप सीएए एनआरसी (मैं आतंकी नहीं हूं, नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी वापस हो)। बता दें कि पार्षद इस जैकेट को पहनकर दिन भर निगम और शहर की सड़कों पर घूमते रहे थे। नगर निगम पहुंचने पर उन्होंने बताया कि नागरिक संशोधन कानून सभी लोगों के लिए है न की अकेले मुस्लिमों के लिए। सरकार को इस कानून को लाने की जरूरत नहीं थी। सरकार को पहले पांच साल में ही देश से घुसपैठियों को निकाल देना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं किया तो यह सरकार की विफलता है।
बैठक में जमकर हुआ हंगामा
इसी बात को लेकर बीजेपी पार्षद गुस्से में थे। शनिवार को जैसे ही पार्षद नगर निगम की बैठक में पहुंचे, बीजेपी के पार्षदों ने पार्षद अब्दुल गफ्फार को सदन से बाहर करने की मांग को लेकर हंगामा कर दिया। बीजेपी पार्षद राजेश रुहेला ने कहा कि गफ्फार माफी मांगें या सदन से बाहर जाएं। इसको लेकर मुस्लिम पार्षद भी एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ नारे लगाने लगे। बीजेपी पार्षदों ने वंदेमातरम, भारत माता की जय, जय श्रीराम के नारे लगाने शुरू कर दिए। मुस्लिम पार्षद हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने लगे।
बैठक को स्थगित
इस बीच महापौर सुनीता वर्मा और नगर आयुक्त डॉ अरविंद कुमार चौरसिया दोनों पक्षों के बीच समझौते के प्रयास करते रहे लेकिन आधे घंटे तक जमकर हंगामा हुआ। इसके बाद धक्का-मुक्की के साथ नौबत मारपीट तक की आ गई। वहीं हंगामा बढ़ता देख 15 मिनट के लिए सदन की बैठक को स्थगित कर दिया गया। इसके बाद सिटी मैजिस्ट्रेट संजय पांडेय और सीओ कोतवाली दिनेश शुक्ला भी मौके पर पहुंचे। मेयर और नगर आयुक्त भी सदन में लौटे। तब भी बीजेपी पार्षद अड़े रहे कि जब तक पार्षद गफ्फार माफी नहीं मांगते, कोई चर्चा नहीं होगी। उसके बाद बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।