निर्भया केस: दोषियों को फांसी से पहले बोले पवन जल्लाद- मां काली की पूजा कर दूंगा मौत की सजा
मेरठ। राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी देने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। ऐसी खबरें हैं कि उत्तर प्रदेश के मेरठ में रहने वाले जल्लाद पवन को सभी दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए लेटर भेजा गया है। वहीं, निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देने के लिए मेरठ के पवन जल्लाद ने भी हां कर दी है। पवन जल्लाद गुनहगारों को फांसी पर लटकाने से पहले एक खास पुजा करते है।
मां काली की पुजा कर दूंगा मौत की सजा
दरअसल, मेरठ जेल से जुड़े पवन जल्लाद मां काली की पूजा करके ही वो गुनहगारों को फांसी पर लटकाते है। पवन जल्लाद की मानें तो निर्भया के गुनहगारों को फांसी के फंदे पर लटकाने से बड़ा काम उसके जीवन में कोई दूसरा नहीं हो सकता। वो इस बात पर जीवन भर फक्र महसूस करेगा कि उसने ऐसे दानवों को फांसी पर लटकाया था। बता दें कि पवन असल जिंदगी में बेहद विन्रम स्वभाव का है। वो रोजाना काली मां की आराधना कर घर से निकलता है।
पवन का असली नाम सिंधी राम है
पवन जल्लाद मेरठ की कांशीराम आवासीय कॉलोनी में परिवार के साथ रहते है। जिस घर में पवन जल्लाद रहते है उसमें चारों तरफ भगवान की तस्वीरें लगी हुई हैं। पवन बताते हैं उनके दादा ने रंगा-बिल्ला को फांसी दी थी। उनका परिवार चार पीढ़ियों से फांसी देता आ रहा है। आपको बता दें कि कम ही लोग जानते हैं कि पवन जल्लाद का असली नाम सिंधी राम है। लगभग 56 वर्षीय पवन जल्लाद फांसी देने के काम को महज एक पेशे के तौर पर देखते हैं।
महीने मिलती है इतनी सैलरी
पवन जल्लाद के मुताबिक, उनका परिवार काफी लंबे समय से फांसी देने का काम कर रहा है। पवन जल्लाद ने बताया कि उनके पिता, दादा और परदादा भी फांसी देने का ही काम करते थे। इस समय देश में फांसी देने के लिए केवल दो ही जल्लाद हैं। पवन जल्लाद ने बताया कि उन्हें फांसी देने के बदले 3000 रुपए मासिक वेतन मिलता था, जो अब बढ़ाकर 5000 रुपए मासिक कर दिया गया है। मासिक वेतन के अलावा जब किसी मुजरिम को फांसी दी जाती है तो उसके बदले में भी कुछ रुपए जल्लाद को दिए जाते हैं। हालांकि पवन ने बताया कि इतने कम वेतन में उनके लिए घर चलाना काफी मुश्किल भरा होता है।
खत में योगी-मोदी से बयां किया दर्द
निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी देने की खबर के बाद जल्लाद पवन ने सीएम योगी और पीएम मोदी को खत लिखकर अपना दर्द बयां करने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि महंगाई के दौर में वह सिर्फ 5000 रुपए में पूरे घर का खर्च उठा रहे हैं। परिवार का पालन-पोषण करने बहुत मुश्किल हो गया है। मैंने इस संबंध ने उच्च अधिकारियों से कई बार गुहार लगाई लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। पवन बताते हैं कि वह अपना मानदेय को बढ़ाने के लिए सीएम पीएम के अलावा राष्ट्रपति, गृह मंत्री, राष्ट्रीय मानवअधिकार आयोग और यूपी के जेल विभाग को पत्र लिखने वाले हैं।
बेटा नहीं करेगा यह काम: पवन जल्लाद
पवन ने बताया कि उनका मकान टूट गया है, बच्चों को पढ़ाने लिखाना मुश्किल हो गया है कई बार तो स्कूल की फीस भी नहीं भर पाते हैं। मेरी हालत को देखते हुए मेरे बेटे ने अभी से यह काम करने से मना कर दिया है। उन्होंने बताया कि आर्थिक परेशानियों के चलते जीना मुश्किल हो गया है। जीवन यापन के लिए साइकिल पर कपड़े लेकर गली-गली उन्हें बेचने जाता हूं, अगर यह काम ना करूं तो हम भूखे मर जाएंगे। उन्होंने बताया कि पांच हजार में आज के जमाने में कुछ नहीं हो पाता।