मेरठ: ऑक्सीजन न मिलने से मरीज की एंबुलेंस में तड़प-तड़प कर मौत, परिजनों ने किया हंगामा
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद में लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज से स्वास्थ्य सेवाओं के दावों की पोल खोलता एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। ऑक्सीजन के अभाव में एक मरीज की एंबुलेंस में तड़प-तड़प कर मौत हो गई। वहीं, मामला हाईलाइट होने के बाद एसआईसी से लेकर प्राचार्य तक इस मामले में आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का दावा कर रहे हैं। दरअसल, प्रहलाद नगर निवासी विजय पुरी की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें एक क्षेत्रीय नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था। ऑक्सीजन लेवल कम होने पर निजी नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने विजय पुरी को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया। देर रात मरीज के परिजन मरीज को एंबुलेंस में लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। मरीज के परिजनों का कहना है कि अपने मरीज को इमरजेंसी के बाहर एंबुलेंस में छोड़कर करके वह बातचीत के लिए इमरजेंसी में पहुंचे।
आरोप है कि वहां मौजूद डॉक्टरों ने मास्क, ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटीलेटर की कमी बताते हुए मरीज को भर्ती करने से इनकार कर दिया। बुजुर्ग विजय पुरी के परिजन लगभग आधे घंटे मेडिकल के स्टाफ के सामने अपने मरीज को भर्ती करने के लिए गिड़गिड़ाते रहे। लेकिन, इमरजेंसी में मौजूद स्टाफ का दिल नहीं पसीजा। उधर, मेडिकल की इमरजेंसी के बाहर एंबुलेंस में लेटे विजय पुरी की हालत लगातार बिगड़ती चली गई। ऑक्सीजन लेवल कम होने पर मात्र 45 मिनट में विजय पुरी की एंबुलेंस में ही तड़प तड़प कर मौत हो गई। घटना के बाद मरीज के परिजनों ने मेडिकल में हंगामा करते हुए इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई। लेकिन काफी देर तक सुनवाई ना होने पर मरीज के परिजन शव को लेकर वापस लौट गए।
उधर, यह मामला शुक्रवार को मीडिया में हाईलाइट हुआ तो मेडिकल के आला अधिकारी बैकफुट पर आ गए। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि इमरजेंसी में पर्याप्त संख्या में मास्क और ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं। उन्होंने इस मामले में लापरवाही बरतने वाली महिला डॉक्टर दीपशिखा के खिलाफ कार्यवाही की बात कही। वहीं, मेडिकल कॉलेज के एसआईसी डॉ. केएन तिवारी ने भी इस मामले में जूनियर डॉक्टरों की लापरवाही बताते हुए कार्रवाई की बात कही है।
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