पवन जल्लाद ने कहा- किसी को भी फांसी दे सकता हूं, लेकिन निर्भया की मां का सामना करने की हिम्मत नहीं
मेरठ। तारीख 22 जनवरी, दिन बुधवार, समय सुबह 7 बजे। यही वो समय है जब दिल्ली की निर्भया के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा। बेटी के दरिंदों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने के लिए मां आशा देवी ने सात साल की लंबी लड़ाई लड़ी। दोषियों को फांसी पर लटकाने वाले जल्लाद पवन भी इस केस पर अपनी निगाहें लगाए बैठे थे। फैसले के बाद पवन चारों को एक साथ मौत देने के लिए तैयार हैं, लेकिन निर्भया की मां से मिलने की बात पर उन्होंने कहा, मैं किसी की भी मौत देख सकता हूं, लेकिन उस मां का सामना करने की हिम्मत नहीं है।
'चारों को फांसी चढ़ाने के बाद मिलूंगा'
पवन ने बताया कि एक-दो बार टीवी कार्यक्रम के दौरान वह निर्भया की मां के सामने पड़े, लेकिन अलग हट गया। पवन ने कहा कि बेटी के दोषियों के जिंदा रहने का दर्द उनके चेहरे पर साफ नजर आता है। पवन ने कहा कि उन्हें चैन तभी मिलेगा जब चारों को फांसी हो जाएगी। निर्भया की मां से भी उसी दिन मुलाकात करेंगे जब चारों को फांसी पर चढ़ा देंगे।
चारों दोषियों को सुनाई गई फांसी की सजा
बता दें, दिल्ली गैंगरेप और हत्या मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया है। चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी पर लटकाया जाएगा। तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने बताया कि मेरठ से जल्लाद की जानकारी मांगी गई है। चारों दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाने के लिए हमारे पास पूरे इंतजाम हैं।
जानें जल्लाद को कितनी मिलती है सैलरी ?
पवन जल्लाद का परिवार काफी लंबे समय से फांसी देने का काम कर रहा है। पवन जल्लाद ने बताया कि उनके पिता, दादा कल्लू जल्लाद और परदादा लक्ष्मण सिंह भी फांसी देने का ही काम करते थे। इस समय देश में फांसी देने के लिए केवल दो ही जल्लाद हैं। पवन जल्लाद ने बताया कि उन्हें फांसी देने के बदले 3000 रुपए मासिक वेतन मिलता था, जो अब बढ़ाकर 5000 रुपए मासिक कर दिया गया है। मासिक वेतन के अलावा जब किसी मुजरिम को फांसी दी जाती है तो उसके बदले में भी कुछ रुपए जल्लाद को दिए जाते हैं।
निर्भया के दोषियों को फांसी: जल्लाद को मिलती है कितनी सैलरी?