CAA पर हुए बवाल के बाद मेरठ के लोगों में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की मची होड़, लगी कतार
मेरठ। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के देश में लागू होने के बाद मेरठ समेत वेस्ट यूपी के तमाम शहरों में जन्म प्रमाणपत्र बनवाने की होड़ मच हुई है। लोग नगर पालिका में आवेदन दे रहे हैं। यहां खासकर बुजुर्गों की कतारें नजर आ रहीं हैं। इनमें कई लोग ऐसे हैं जिनका जन्म 1948 में हुआ था, कुछ ऐसे भी हैं जो 1952 में पैदा हुए थे। बता दें कि पिछले एक सप्ताह में जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने वालों में करीब 40 से 50 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।
दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद तरह-तरह की अफवाहें फैल रही हैं। लोगों को भय है कि कहीं उनकी नागरिकता न चली जाए। इस भ्रम के चलते बड़ी संख्या में लोग अब अपने जन्म प्रमाणपत्र बनवा रहे हैं। भ्रम की स्थिति के बीच सर्टिफिकेट बनवाने वालों का ग्राफ बढ़ रहा है। इस स्थिति का दलालों ने भी फायदा उठाना शुरू कर दिया है। बता दें कि मेरठ में प्रतिदिन बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने वाले की संख्या में 40 से 50 प्रतिशत तक की बढोतरी हो गई है। इनमें से अधिकांश मुस्लिम धर्म के लोग हैं। 1948 और 1952 में जन्मे लोग भी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने आ रहे है।
अधिक
आवेदन
1948
से
1970
के
बीच
के
सहायक
नगर
आयुक्त
ब्रजपाल
सिंह
ने
बताया
कि
नियमानुसार
1968
से
पूर्व
पैदा
हुए
लोगो
के
बर्थ
सर्टिफिकेट
नहीं
बनाये
जाते
हैं।
इसी
तरह
मवाना
व
सरधना
में
आम
दिनों
में
75-80
आवेदन
आते
थे,
लेकिन
करीब
10
से
15
दिनों
से
यह
संख्या
125
से
150
तक
पहुंच
रही
है।
सिटी
मैजिस्ट्रेट
संजय
पांडेय
ने
भी
अधिक
आवेदन
आने
की
बात
स्वीकार
की
है।
तमाम
आवेदन
1948
से
1970
के
बीच
जन्म
लेने
वालों
के
आए
हैं।