मेरठ: कृषि बिल को किसानों ने बताया काला कानून, 120 स्थानों पर जाम लगाकर किया प्रदर्शन
मेरठ। केंद्र सरकार द्वारा कृषि विधेयक लागू किए जाने के विरोध में शुक्रवार, 25 सितंबर को मेरठ जिले में किसानों द्वारा जमकर विरोध किया जा रहा है। दरअसल, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के आह्वान पर किसानों ने जिले में हाईवे पर 120 स्थानों पर जाम लगाया। इस दौरान अधिकारी किसानों का ज्ञापन लेने के लिए इधर से उधर दौड़ते रहे। वहीं, हाईवे पर वाहनों की रफ्तार थमी रही।
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बताते चलें केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि अध्यादेश को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने आज देश में हाईवे जाम का ऐलान किया था। जिसके चलते जिले में सभी हाईवे पर सुबह से ही किसानों का कब्जा रहा। भाकियू सहित कई किसान संगठन और विपक्षी दलों के लोग इस आंदोलन में शामिल हुए। जिसके चलते हाईवे पर 120 स्थानों को चिन्हित करते हुए वहां जाम लगाया गया। ट्रैक्टर ट्रॉली और बुग्गियां लेकर हाईवे पर उतरे किसान सरकार से बगावत पर उतारू नजर आए।
इस दौरान दौराला में रविंद्र दौरालिया, सकौती में अशोक सोम, कंकरखेड़ा खिर्वा चौराहे पर विनोद जिटौली, छोटा मवाना में संजय दौरालिया, परतापुर में विजयपाल घोपला सहित अन्य किसान नेताओं के साथ सैकड़ों किसानों ने हाईवे पर जाम लगाकर जमकर हंगामा किया। इसी के साथ जानी नहर और नानू नहर सहित जिले के अन्य स्थानों पर भी कई जगह जाम लगाए गए। हाईवे पर सुबह 11 से दोपहर तीन बजे तक किसानों का धरना जारी रहा।
इस दौरान किसानों ने जहां कृषि अध्यादेश को काला कानून बताया। वहीं, इसे समाप्त न किए जाने पर जल्द ही बड़े आंदोलन की चेतावनी दी। वहीं, केंद्र सरकार को किसान विरोधी बताते हुए किसान नेता जमकर बरसे। हाईवे पर किसानों के कब्जे के चलते हाइवे से गुजरने वाले वाहनों की रफ्तार थमी रही। इस दौरान किसानों ने सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं या आवश्यक कार्य से जा रहे वाहनों को ही हाइवे से गुजरने की इजाजत दी। जिसके चलते बाहरी जिलों से आने वाले वाहन चालक परेशान दिखाई दिए।
इसी के साथ किसानों ने अलग-अलग स्थानों पर प्रशासनिक अधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कृषि अध्यादेश का विरोध किया। किसानों के आंदोलन के चलते हाईवे पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। कई सेक्टर मजिस्ट्रेट किसानों के ज्ञापन लेने के लिए इधर से उधर दौड़ते रहे। हालांकि आईजी प्रवीण कुमार ने किसानों के आंदोलन से शहर में कोई व्यवस्था खराब ना होने का दावा किया।