मेरठ की मेयर सुनीता वर्मा और उनके पति को मायावती ने बसपा से निष्कासित किया, क्या रहीं वजह?
मेरठ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मेरठ की मेयर सुनीता वर्मा और उनके पति व पूर्व विधायक योगेश वर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया। पार्टी की ओर से कहा गया कि दोनों पर पार्टी में अनुशासनहीनता के कारण कार्यवाही हुई। वहीं, दोनों के बसपा से नाता टूटने पर कयास लगाए जाने लगे कि पति-पत्नी अब सपा को ज्वॉइन करेंगे। बीते दिनों वे दोनों अखिलेश यादव से मिले भी थे। बसपा ने लोकसभा चुनाव के बाद दोनों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाया था। हालांकि, तब यह चर्चाएं थीं कि वे भाजपा ज्वॉइन कर सकते हैं।
योगेश वर्मा वर्ष 2007 से 2012 तक बीएसपी की ओर से मेरठ की हस्तिनापुर सीट से विधायक रहे हैं। वहीं, उनकी पत्नी मेरठ नगर निगम से पार्टी की टिकट पर मेयर चुनी गईं थी। सुनीता वर्मा जिले की पहली अनुसूचित जाति की महिला मेयर भी हैं। पिछले वर्ष आरक्षण को लेकर हुए आंदोलन में विधायक योगेश वर्मा पर जन भावनाएं भड़काने का आरोप लगा था। जिसके चलते उन्हें रासुका और अन्य धाराओं में जेल भेजा गया था। हालांकि बाद में उन पर लगी रासुका हटा दी गई थी। जिसके बाद से वह जमानत पर बाहर थे।
इस मामले में बसपा के जिलाध्यक्ष सुभाष प्रधान से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने इसे पार्टी हाईकमान से जुड़ा हुआ मामला बताकर बात करने से इंकार कर दिया। वहीं, पूर्व विधायक योगेश वर्मा भी पार्टी से निष्कासन के बाद से चुप्पी साधे हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने विवादित भूमि पर राममंदिर बनाए जाने का आदेश दिया, इस पर अखिलेश क्या बोले जानिए?