इस बार नहीं होगी परम्परागत 'कांवड़ यात्रा', IG मेरठ रेंज ने कही यह बात
मेरठ। अगले महीने शुरू हो रही परम्परागत 'कांवड़ यात्रा' इस बार पशोपेश में है। दरअसल, त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के लिए कोरोना वायरस की महामारी के बीच दूसरे राज्यों से आने वाले कांवड़ियों को हरिद्वार आने की अनुमति देना संभव नहीं दिख रहा है। गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया कि सीएम त्रिवेन्द्र इस संबंध में हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सीएम से बात करेंगे। इस बीच मेरठ से भी कांवड़ यात्रा को लेकर बड़ी खबर आई है।
मेरठ जोन के आईजी प्रवीण कुमार ने कहा कि मेरठ के कांवड़ संगठनों ने हमें सूचित किया है कि वे इस वर्ष कोरोना महामारी फैलने और सरकार के दिशा-निर्देशों के मद्देनजर कोई यात्रा नहीं करेंगे और वे अपने घरों में त्योहार मनाएंगे। वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड में अगले माह शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर सरकार पशोपेश में है। यात्रा का स्वरूप कैसा रहेगा, यह अभी तय नहीं हो पाया है। मंत्रिमंडल ने गुरुवार को इस विषय पर लंबी चर्चा की। सरकार को कोविड-19 के चलते बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से आने वाले कांवड़ियों को हरिद्वार आने की अनुमति देना संभव नहीं दिख रहा।
यूपी
और
दिल्ली
समेत
इन
राज्यों
रहता
है
क्रेज
हर
साल
सावन
के
महीने
में
कावंड़
यात्रा
का
दौर
शुरू
होता
है,
जिसमें
दिल्ली,
राजस्थान,
हरियाणा
और
उत्तर
प्रदेश
सहित
कई
राज्यों
से
लाखों
की
संख्या
में
कांवड़िये
हरिद्वार
पहुंचते
हैं।
जब
वह
हरिद्वार
से
गंगाजल
कांवड़
में
लेकर
पैदल
ही
अपने
गंतव्यों
की
ओर
निकलते
हैं,
तो
उनका
सड़कों
के
किनारे
जगह
जगह
पर
रुकने
का
इंतजाम
होता
है,
जिसमें
मेरठ
के
कावंड
संगठन
बढ़
चढ़कर
हिस्सा
लेते
हैं,
लेकिन
इस
बार
कोरोना
के
कहर
से
हर
कोई
डरा
हुआ
है
और
सरकार
के
दिशा-
निर्देशों
का
पालन
करने
की
बात
कर
रहा
है।