जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर मेरठ से रवाना हुई 'जनसंख्या समाधान पदयात्रा'
मेरठ। देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किए जाने की मांग को लेकर जनसंख्या समाधान फाउंडेशन द्वारा आयोजित जनसंख्या समाधान पदयात्रा में आज साधु संतों की भीड़ उमड़ी। खुद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जनसंख्या समाधान पद यात्रा में शिरकत करते हुए सभी से अधिक से अधिक संख्या में दिल्ली चलने की अपील की।
दिल्ली के जंतर मंतर के लिए किया कूच
बता दें कि जनसंख्या समाधान फाउंडेशन पिछले कई वर्षों से देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किए जाने की मांग करता आ रहा है। इसी संदर्भ में एक विशाल पदयात्रा का आयोजन किया गया। पदयात्रा में देश के विभिन्न हिस्सों से आए साधु संत और जिले के सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों सहित आम नागरिक भी दिल्ली के लिए रवाना हुए। आयोजक अनिल चौधरी के साथ सैकड़ों लोगों के काफिले ने बेगमपुल चौराहे से दिल्ली के जंतर मंतर के लिए कूच किया।
ये है रूट प्लान
गौरतलब है कि पदयात्रा का पहला पड़ाव आज मोदीनगर में होगा। इसके बाद पदयात्रा शनिवार को मोदीनगर से चलकर शाम को गाजियाबाद के साहिबाबाद कस्बे में रुकेगी। 13 अक्टूबर रविवार के दिन पदयात्रा दिल्ली के जंतर मंतर पर पहुंचेगी, जहां देशभर से आए विभिन्न सामाजिक संगठन के सदस्य और जनप्रतिनिधि देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किए जाने की आवाज बुलंद करेंगे। पदयात्रा में शामिल होने के लिए मेरठ पहुंचे महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरी ने बढ़ती आबादी को देश की सबसे बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि चीन के पास भारत से तीन गुना अधिक भूमि होते हुए भी आज भारत की जनसंख्या लगभग चीन के बराबर हो गई है। संसाधनों के अभाव में बढ़ती जनसंख्या देश के विकास के लिए सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने बढ़ती जनसंख्या के लिए मुस्लिम संप्रदाय के लोगों को भी जिम्मेदार ठहराया। इसी के साथ आरोप लगाया कि हिंदू से मुस्लिम बने लोग वोट बैंक पर कब्जा करके देश पर अपना अधिकार जमाना चाहते हैं।
क्या बोले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह?
पदयात्रा में शामिल होने पहुंचे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जब तक इस संबंध में जन जागरण अभियान नहीं चलेगा तब तक जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किए जाना संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जिस देश में तीन तलाक और जीएसटी जैसे मुद्दों पर कानून लाने में विरोधियों के हंगामे के चलते सरकार को इतना समय लग गया। वहां बिना वोटों के सौदागरों को इस कामले सहयोग देने के लिए रजामंद किए बिना यह कानून लागू करा पाना मुश्किल है।