कृषि बिल पर मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन करने निकले किसान, खेती संभाल रही हैं घर की महिलाएं
मेरठ। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान केंद्र सरकार के बनाए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलित हैं और दिल्ली में जाने के लिए सीमा पर डटे हुए हैं। इधर किसान अपने मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली की तरफ निकले हैं तो पीछे घर पर महिलाएं खेती का सारा काम संभाल रही हैं। ऐसा ही नजारा उत्तर प्रदेश के मेरठ में देखने को मिला जहां महिलाएं खेतों में काम करती दिखीं। एक किसान की बेटी निशु चौधरी ने इस बारे में बताया कि हमारे घर के लोग प्रोटेस्ट करने के लिए गए हैं इसलिए हमलोग खेती की देखभाल के काम में लगे हुए हैं।
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उधर नोएडा में उत्तर प्रदेश की कई जगहों से प्रदर्शनकारी किसान पहुंचे जिनको महामाया फ्लाईओवर रोड से हटाकर पुलिस डॉक्टर अंबेडकर नेशनल मेमोरियल पार्क में ले गई। नोएडा डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने इस बारे में कहा कि प्रदर्शनकारी रोड पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे थे जिससे जाम लग गया था इसलिए उनको वहां से हटाया गया। इस पर भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति के प्रेसिडेंट स्वराज सिंह ने कहा कि हमलोग रोड पर बैठे नहीं थे, पुलिस प्रशासन ने बैरिकेड लगाकर हमारा रास्ता रोक दिया था इसलिए हमलोग वहां ठहरे हुए थे। स्वराज सिंह ने कहा कि यह पार्क अस्थायी जेल की तरह है जहां हमें एक तरह से हिरासत में रखा गया है। जैसे ही हमें रिहाई मिलेगी, हम दिल्ली जाएंगे।
क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रेसिडेंट दर्शन पाल ने केंद्र सरकार से मांग की है कि संसद सत्र बुलाकर कृषि कानूनों को निरस्त किया जाय। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और कॉरपोरेट घरानों के खिलाफ 5 दिसंबर को पूरे देश में किसान उनके पुतले जलाएंगे। कहा कि सभी संगठनों के किसान साथ मिलकर संघर्ष जारी रखेंगे। वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों से अपील है कि कृषि कानून और सुधार उनके हित में हैं, यह लंबे समय के बाद किए गए हैं। लेकिन उनको अगर कोई आपत्ति है तो हम उसका समाधान करने के लिए तैयार हैं। गुरुवार को किसानों के साथ बैठक पर कृषि मंत्री ने कहा कि देखते हैं कहां तक समाधान निकल पाता है।
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