101 साल के कारसेवक रंजीत सिंह को अयोध्या से आया भूमि पूजन का बुलावा, जाने क्यों किया उन्होंने जाने से इनकार
मेरठ। 5 अगस्त वो ऐतिहासिक तारीख है, जिस दिन राम जन्मभूमि पर रामलला के मंदिर के निर्माण की नींव रखी जाएंगी। वहीं, इस दृश्य का साक्षी बनने के लिए हर कोई लालायित है। हालांकि, राम मंदिर भूमि पूजन में देश की बड़ी-बड़ी हस्तियां इकट्ठा होंगी। इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने श्रीराम मंदिर आंदोलन के वयोवृद्ध कारसेवक मानसरोवर निवासी रंजीत सिंह को भी बुलावा भेजा है।
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दरअसल, रंजीत सिंह उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले है, उन्हें अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के ऐतिहासिक और पावन अवसर पर सम्मिलित होने का निमंत्रण मिला है। 101 साल के रंजीत सिंह को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव और विश्व हिन्दू परिषद के नेता चंपत राय ने खुद फोन करके निमंत्रण दिया है। हालांकि, उन्होंने अधिक आयु और स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने फोन पर अयोध्या जाने से मना कर दिया है।
मेरठ के मानसरोवर कॉलोनी निवासी रंजीत सिंह के परिजनों की मानें तो आजकल उनका स्वास्थ्य सही नहीं कि वह लंबी यात्रा कर सकें। लिहाजा उनके परिजनों ने विनम्र लहजे में विहिप के नेताओं से अपने पिता को अयोध्या भेजने से इनकार कर दिया है। मास्टर रंजीत सिंह के पुत्र अशोक कुमार ने बताया कि उनके पिता वर्ष 1942 तक कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता रहे। इसके बाद वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए। 1964 में विहिप के गठन के बाद से वह लगातार विहिप में जिला मंत्री से लेकर विभाग मंत्री के पद तक पर तैनात रहे।
इस दौरान उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और 1990 और 92 सहित तीन बार जेल भी गए। महात्मा गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर लगे प्रतिबंध के दौरान उनके पिता काफी समय तक जेल में रहे। अशोक कुमार का कहना है कि फिलहाल उनके पिता इस हालत में नहीं कि उन्हें अयोध्या की यात्रा के लिए भेजा जाए। लिहाजा वह घर में ही राम जन्मभूमि पर मंदिर की नींव रखे जाने का उत्सव मनाएंगे। वहीं, 101 वर्ष की उम्र में भी पूरे जोश खरोश के साथ रंजीत सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखे जाने को लेकर खुशी जाहिर की।
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