साबरमती स्पेशल ट्रेन से 1200 श्रमिक पहुंचे मऊ, कहा- 695 रु दिया किराया, नहीं मिला खाना
मऊ। लॉकडाउन के चलते दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिको को वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई गई है। शुक्रवार को स्पेशल ट्रेन से गुजरात के अहमदाबाद फंसे प्रवासी श्रमिक उत्तर प्रदेश के मऊ रेलवे जंक्शन पर पहुंचे। मऊ पहुंची ट्रेन के यात्रियों ने सरकार द्वारा किराया माफी के दावों को खारिज कर दिया। मजदूरों ने बताया कि उनसे अहमदाबाद से मऊ की यात्रा के लिए 695 रुपए लिए गए है, जबकि टिकट 630 रुपए का है।
खुशी से खिल उठे यात्रियों के चेहरे
ट्रेन जैसे ही आकर मऊ जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या एक पर खड़ी हुई, अंदर बैठे यात्रियों के चेहरे खुशी से खिल उठे। आरपीएफ एवं जीआरपी के पीपीई किट पहने जवानों ने एक-एक यात्री को शारीरिक दूरी का पालन करवाते हुए उतारा। बोगी से उतर कर यात्री कतार में मुख्य निकास तक पहुंचे और वहां पहले से मौजूद मेडिकल की छह टीमों ने उनकी थर्मल स्कैनिग और स्वास्थ्य की जांच की। इस दौरान जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी एवं सीएमओ सतीश चंद्र सिंह ने भी ट्रेन से उतरे यात्रियों से उनकी समस्याओं एवं परेशानियों के बाबत पूछताछ किया।
गमछा, लंच और पानी की बोतलें दी
स्वास्थ्य जांच की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जिला प्रशासन की ओर से गुजरात से आने वाले प्रत्येक यात्री को एक गमछा, लंच पैकेट व पानी की एक बोतल दी गई। स्टेशन भवन के बाहर आते ही परिवहन निगम की टीमों ने उनके गंतव्य के लिए जाने वाली बसों में बैठने में उनकी सहायता किया। स्वास्थ्य जांच में खरे उतरने वाले सभी यात्रियों को रोडवेज बसों में बैठाकर उनके जिले के लिए रवाना कर दिया गया। ट्रेन के प्लेटफार्म पर पहुंचने से लेकर यात्रियों के बसों में बैठने तक जिला प्रशासन के कई आला अधिकारी उपस्थित थे।
18 घंटे, नहीं मिला पीने को पानी और खाना
प्रवासी श्रमिक दीपू, सुरेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि उनसे साबरमती से मऊ की यात्रा के लिए 695 रुपए लिए गए। 24 घंटे के सफर में उन्हें एक बार खिचड़ी और दो बोतल पानी ही दिया गया। बताया कि ट्रेन का टिकट 630 रुपए का है, जबकि यात्रियों से 695 रुपए लिए गए। उन्हें यह बताया गया था कि 18 घंटे तक उन्हें ना तो पानी मिला और ना खाना। हालांकि यात्रा की तमाम दुश्वारियों के बावजूद यात्रियों में इस बात का सुकून था कि वह अपने घर लौट रहे हैं।