महिला दिवस विशेष: फ्री में गरीब महिलाओं का इलाज करती हैं ये डॉक्टर, समाज सेवा को समर्पित किया जीवन
Mau news, मऊ। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हम आपको उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद की एक ऐसी महिला के बारे में बता रहे हैं, जो फातिमा हॉस्पिटल में पिछले 41 वर्षों से लगातार डॉक्टर के रूप में सेवा दे रही हैं। समाज सेवा करने के लिए डॉ. जूड ने आजीवन शादी नहीं करने का निर्णय लेते हुए एक संत के रूप में गरीब आशक्त लोगों की सेवा करने का काम किया है।
'हार्मनी सिल्वर अवार्ड्स' हो चुकी हैं सम्मानित
डॉ. जूड के योगदान को देखते हुए उद्योगपति टीना अंबानी द्वारा सिल्वर फाउंडेशन के लिए हार्मनी द्वारा दिया गया प्रतिष्ठित "हार्मनी सिल्वर अवार्ड्स" 2009 में सम्मानित किया गया। डॉ. जूड 2009 से लेकर अब तक दर्जन भर अवॉर्ड से सम्मानित हो चुकी हैं। वर्तमान में जिले के बहुत से डॉक्टरों के लिए डॉ. जूड उनके लिए प्रेरणा का श्रोत बनी हुईं हैं।
समाज सेवा में समर्पित किया जीवन
केरल में सन् 1941 में जन्मी डॉ. जूड ने 1968 में एमबीबीएस की शिक्षा पूरी कर समाज और गरीब महिलाओं की सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। डॉ. जूड ने 1977 में 15 बेड और तीन डॉक्टरों के भरोसे मऊ जिले में फातिमा अस्पताल की नींव रखी थी, लेकिन वर्तमान में फातिमा अस्पताल के अंदर 250 बेड हैं, जहां गरीब महिलाओं का फ्री इलाज किया जाता है।
मरीजों की देखभाल में गुजारती हैं 12 से 16 घंटे
डॉ. जूड ने गरीबों की सेवा करते हुए 50 हजार सर्जरी का रिकॉर्ड बनाया है। डॉ. जूड 12 से 16 घंटे केवल हॉस्पिटल में मरीजों की देखभाल करते हुए गुजार देती हैं। वह एक दिन में 250 से 300 मरीजों को देखती हैं। हालांकि, अब वह फातिमा हॉस्पिटल से वर्षों पहले रिटायर भी हो चुकी हैं, लेकिन आज भी वह अपने सहयोगियों के माध्यम से ओपीडी में अन्य डॉक्टर की मदद करने से नहीं चूकतीं। कभी-कभी क्रिटिकल सर्जरी अपने देखरेख में खड़े होकर अपने समक्ष डॉक्टरों को निर्देशन देने का कार्य करती हैं।