मंत्री श्रीकांत शर्मा के अस्पताल पहुंचने से पहले बदहाली पर लीपापोती, मरीजों को कमरे में बंद कर छिड़का फ्रेशनर
मथुराः जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे सूबे के मंत्री श्रीकांत शर्मा का उस वक्त पारा चढ़ गया, जब उन्होंने जिला अस्पताल में बेतरतीबी दिखी। अस्पताल में मरीजों के पानी पीने की व्यवस्था से लेकर बिजली और सुरक्षा का इंतजाम देख श्रीकांत शर्मा इस कदर भड़क गए कि उन्होंने आनन-फानन में सीएमएस और सीएमओ को जिला अस्पताल बुला लिया।
लापरवाही के भेंट चढ़ा हुआ है अस्पताल
जिले का सबसे बड़ा अस्पताल माने जाने वाला महर्षि दयानंद सरस्वती जिला चिकित्सालय लापरवाही के भेंट चढ़ा हुआ है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा जिला अस्पताल में निरीक्षण करने पहुंचे। अस्पताल की हालत देखकर मंत्री का माथा ठनक गया। ना तो अस्पताल में पीने का साफ पानी मौजूद था, ना सुरक्षा का कोई इंतजाम था और ना तो बिजली के तारों का रख-रखाव सही ढंग से था।
जमकर लगाई फटकार
श्रीकांत शर्मा के अस्पताल में निरीक्षण करने की खबर मिलते ही जिला अस्पताल के अधीक्षक ने मंत्री के पहुंचने से पहले ही फ्रेशनर का छिड़काव करते हुए दिखे। साथ ही अधिकारियों ने सभी मरीजों को कमरे में बंद कर दिया। जिसके लिए मंत्री ने जिला अस्पताल के अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को जमकर फटकार लगाई। श्रीकांत शर्मा अस्पताल में लगे आरओ प्लांट पर गए जहां उन्होंने पानी पिया। हालांकि ऐसा करने से अस्पताल के अधिकारी उनको मना करते रहे। पानी पीते ही श्रीकांत शर्मा गुस्सा हो गए।
खराब आरओ का पानी पिया
उन्होंने फौरन सीएमएस और सीएमओ को बुलाया। इसके बाद उन्होंने दोनों को पानी पीने का आदेश दिया। श्रीकांत शर्मा के आदेश पर दोनों ने पानी पी लिया। इसके बाद उन्होंने उनसे सवाल किया कि क्या यह पानी मरीजों के पीने के लायक है तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। मंत्री के आने की बात पता चलते ही अस्पताल में मौजूद कुछ मरीजों को वार्ड के अंदर मौजूद एक कमरे में बंद कर दिया गया था। लेकिन जैसे ही उन मरीजों को पता चला कि शर्मा निरीक्षण कर रहे हैं तो उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया।
शौचालय की हालत देख तमतमाए
मरीजों का शोर सुनकर मंत्री श्रीकांत शर्मा वहां पहुंचे तो पता चला कि मरीजों को भर्ती किया गया है लेकिन वार्ड में रखने की जगह एक कमरे में सबको बंद कर दिया गया है। इस पर गुस्साते हुए श्रीकांत शर्मा ने सभी मरीजों को कमरे से निकालकर वार्ड में भर्ती करने के आदेश दिए।
इसके बाद वह दिव्यांग शौचलय में निरीक्षण करने पहुंच गए। शौचालय की हालत देख उनका पारा चढ़ गया। जब इस संबंध में सीएमएस से पूछताछ की गई तो वह कुछ भी नहीं बोल सके। इसके बाद मीडियाकर्मियों के कैमरे बंद करने का आग्रह किया और फिर सीएमएस को जमकर लताड़ लगई।
'अस्पताल खुद बीमार है'
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि हम चाहते हैं कि लोगों को योजनाओं का लाभ मिले। इसी के कारण निरीक्षण किया था। लेकिन अस्पताल खुद बीमार हालत में है। यहां पर एक्सरे मशीन पुरानी हैं, अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था ठीक नहीं है। सीएमएस स्तर पर काफी कमियां मिली हैं, जिन्हें दूर करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हालात जल्द ठीक किए जाएंगे और कार्रवाई भी होगी।
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