कृष्ण मंदिर मथुरा में नहीं तो क्या लाहौर में बनेगा? केशव मौर्य के बयान पर यूपी के कैबिनेट मंत्री ने कहा
मथुरा, 8 दिसंबर। उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगी सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के बयानों से इस बार लग रहा है कि वे मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के मुद्दे को हिंदुत्व का एजेंडा बनाने के मूड में हैं। पहले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अयोध्या और काशी के बाद मथुरी की तैयारी करने की बात कही जिसके बाद अब योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने इसी मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि कृष्ण मंदिर मथुरा में नहीं तो क्या पाकिस्तान के लाहौर में बनेगा। साथ ही कैबिनेट मंत्री ने शाही ईदगाह मस्जिद जहां बनी है वहीं पर कृष्ण मंदिर निर्माण करने की मांग की।

कैबिनेट मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि जिस जगह पर शाही ईदगाह मस्जिद बनी है, वहां कंस का कारागर था जिसमें देवकी और वसुदेव कैद थे। कारागार में ही भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इसलिए कृष्ण मंदिर का निर्माण शाही ईदगाह वाली जगह पर ही होना चाहिए। कृष्ण मंदिर मथुरा में नहीं तो क्या पाकिस्तान के लाहौर में बनेगा। जब वे मथुरा में पैदा हुए तो यहां ही मंदिर बनना चाहिए। मथुरा में मंदिर निर्माण कब होगा, इस सवाल के जवाब में कैबिनेट मंत्री बोले, जब राम मंदिर आंदोलन चल रहा था तब भी लोग कहते थे कि आपलोग नारा देते हैं कि रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे। अब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। उचित समय पर मथुरा में भी मंदिर का निर्माण होगा।
क्या
मथुरा
में
धार्मिक
स्थल
को
बदलना
है
इतना
आसान?
1991
में
बना
ये
कानून
लगाता
है
इस
पर
रोक
कैबिनेट मंत्री के बयान से पहले यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया था- अयोध्या, काशी भव्य मंदिर निर्माण जारी है, मथुरा की तैयारी है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण हो रहा है और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को करने वाले हैं। केशव प्रसाद मौर्य के बयान पर विरोधी दलों के नेताओं ने पलटवार किया था। अखिलेश यादव ने कहा था कि इस बार रथयात्रा या कोई और मंत्र नहीं चलेगा। मथुरा में 6 दिसंबर को हिंदू संगठनों ने शाही ईदगाह मस्जिद में लड्डू गोपाल के जलाभिषेक का ऐलान किया था। इसको देखते हुए प्रशासन ने 24 नवंबर से 21 जनवरी 2022 तक निषेधाज्ञा लागू कर दिया था।