पुलवामा शहीद के परिवारों के लिए 6 साल की बच्ची ने जमा किए रुपए, पीएम ने की तारीफ
मथुरा। देश के लिए शहीद होने वाले जांबाजों के लिए अभी तक सरकार उनके परिवार की आर्थिक मदद कर गम को कम करने की कोशिश करती थी, लेकिन अब मथुरा की बेटी ने देश की आन बान शान बनाए रखने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों के लिए आर्थिक मदद की मुहिम शुरू की है। 6 साल की इस बेटी ने पुलवामा हमले से आहत होकर घर घर जाकर शहीदों के लिए पैसे एकत्रित किए। छोटी सी बच्ची की इस मुहिम ने 12750 रुपए एकत्रित कर प्रशासन को सौंप दिए। मासूम की इस मुहिम से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तारीफ की और प्रशंसा के लिए पत्र भी लिखा।
पैसे बर्बाद करने से अच्छा है कि शहीदों की करें मदद
समृद्धि सेकेंड क्लास की छात्रा है और इसने एक-एक पैसा बचाकर उन शहीदों को डोनेट कर दिया जो पुलवामा हमले के साथ-साथ आतंकी गतिविधियों में मारे गए। यह बच्ची अगर चाहती तो इस पैसे को अपने पढ़ाई के खर्च में ले सकती थी, लेकिन इस बच्ची के मन में देश प्रेम की भावना इस तरह से भरी हुई है कि उन पैसों से पढ़ाई छोड़ शहीद वीर जवानों को डोनेट कर दिया। समृद्धि ने कहा कि हर कोई शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए सड़क पर उतर आता है और लाखों रुपए की कैंडल मार्च निकाल कर पैसे को वेस्ट कर देता है। मैं उन लोगों से अपील करना चाहती हूं जो लोग पैसे की बर्बादी करते हैं अगर सहायता ही करनी है तो उन वीर जवानों के परिवारों को उस पैसे का कुछ सहारा दें जो कैंडल मार्च में बर्बाद किया गया है।
जवानों की वजह से घरों में जिंदा
समृद्धि ने उन नेताओं को करारा जवाब देते हुए कहा कि जो नेता यह कहते हैं कि जवान मरने के लिए होते हैं वह मरते हैं, लेकिन मैं उन नेताओं से यह कहना चाहती हूं कि जवान हमारी रक्षा करते हैं ना कि सीमा पर मरने के लिए होते हैं, हम आज अपने घरों में जिंदा बैठे हैं तो सिर्फ उन शहीद जवानों की वजह से। बता दें कि अभी तक समृद्धि ने तकरीबन 200 लोगों से चंदा एकत्रित कर सेना के अधिकारियों को डोनेट कर दिया। वहीं, सेना के अधिकारियों ने इस छोटी सी बच्ची को जवानों के बारे में सोचने के लिए उसका हौसला अफजाई करते हुए धन्यवाद दिया। समृद्धि ने उन लोगों के नाम एक रजिस्टर में दर्ज कर रखे हैं जिन लोगों ने शहीदों के लिए दान किया।
शहीदों के लिए जमा किए पैसे
पुलवामा हमले के बाद जब समृद्धि ने शहीद के परिजनों के लिए कुछ मदद करने की मन में ठानी। समृद्धि अपनी गुल्लक को लेकर अपनी मां के पास पहुंची और अपनी मां से बोली कि इसमें जो भी पैसे हो वह शहीद के परिजनों के लिए दे दिए जाएं, लेकिन जब उसकी मां ने उसके गुल्लक में देखा तो बहुत कम पैसे थे। समृद्धि की मां ने बताया कि इतने पैसे शहीदों को देने के लिए कम हैं तो नन्ही बच्ची समृद्धि ने सोचा कि क्यों ना मैं घर-घर जाकर पैसे इकट्ठा करूं और जो पैसे इकट्ठे हों उन्हें शहीद के परिजनों को दे दूं, इसके लिए समृद्धि ने बकायदा एक रजिस्टर बनाया और जब भी वह किसी से पैसे लेती तो उसका नाम, फोन नंबर, व्यवसाय और देने की रकम उसमें नोट करती। समृद्धि अब तक करीब 200 लोगों से शहीदों के लिए डोनेशन मांगी है। तब जाकर 12750 रुपए इकट्ठा किए और शहीदों के परिजनों के लिए यह पैसे आज समृद्धि ने मथुरा के कलेक्ट्रेट में जाकर मथुरा के सिटी मजिस्ट्रेट और सेना के अधिकारियों को सौंप दिए।
डीएम बनना चाहती है समृद्धि
समृद्धि से जब बात की तो उसने बताया कि कि मेरा लक्ष्य एक अधिकारी बनना है और मैं डीएम बनकर समाज और देश की सेवा करना चाहती हूं। समृद्धि ने बताया कि मुझे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत अच्छे लगते हैं। ऐसे मोदी जी लोगों से मन की बात करते हैं। मैं भी उनसे अपने मन की बात करना चाहती हूं और मुझे उम्मीद है कि वह मुझसे एक बार जरूर मिलेंगे।
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