मथुरा: तिहरे हत्याकांड के 6 दोषियों को कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, 23 साल बाद आया फैसला
मथुरा। 5 मई 1997 ये वो तारीख है, जिस दिन उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के गुहारी गांव में तिहरा हत्याकांड हुआ था। इस हत्याकांड के 23 साल बाद आज (20 अक्टूबर) को कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने मामले में छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, एक आरोपी जुवेनाइल कोर्ट से बरी हो गया था, जबकि 3 अन्य की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। बता दें कि इस मामले में एक आरोपी अभी भी फरार चल रहा है।
मथुरा जिले के छाता के गांव गुहारी में हुए तिहरे हत्याकांड पूरे जिले को हिलाकर रख दिया था। घटना में तत्कालीन प्रधान सुखीचन्द, बलिकराम और खचेरा की मौत हो गई थी। मृतक सुखीचन्द योगी सरकार में मौजूद मंत्री लक्ष्मीनारायण के रिश्तेदार थे। घटना जमीनी विवाद को लेकर हुई। इसमें दोनों ओर से फायरिंग और पथराव हुआ था। लंबी सुनवाई के बाद एडीजे-8 की अदालत संजय कुमार यादव ने सजा सुनाई।
जमीन
के
पट्टों
को
लेकर
हुआ
था
विवाद
मामले
में
वादी
पक्ष
के
वकील
नंदकिशोर
उपमन्यु
ने
कहा
कि
1997
का
ये
केस
था,
जिसमें
हाईकोर्ट
ने
नियत
समय
में
फैसला
करने
का
निर्देश
दिया
था।
जमीन
के
पट्टों
को
लेकर
विवाद
हुआ
था,
जिसमें
हत्याएं
हुई
थीं।
इस
घटना
में
तीन
की
मौत
हुई
थी,
जबकि
चार
अन्य
घायल
हुए
थे।
इस
मामले
में
एक
क्रॉस
केस
भी
है,
लेकिन
उसमें
अभी
फैसला
नहीं
आया
है।
घटना में सुखीचंद की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि अन्य घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां बलिकराम और खचेरा की मौत हुई थी। बता दें, इस केस में कुल 11 नामजद लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें से एक जुवेनाइल कोर्ट से बरी हो गया था, जबकि 3 अन्य की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। वहीं मामले में एक आरोपी अभी भी फरार चल रहा है।
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