वीरेंद्र यादव: शहीद जवान को नम आंखों दी गई पुष्पांजलि, बड़े बेटे ने दी मुखाग्नि
मैनपुरी। असम राइफल्स के जवान वीरेंद्र सिंह यादव का पार्थिव शरीर मंगलवार की देर रात मैनपुरी में उनके पैतृक गांव नानामऊ देर रात पहुंचा, जहां उनके अंतिम दर्शन को बड़ी तादात में लोगों की भीड़ जमा हो गई। बुधवार सुबह सैन्य अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने पूरे सम्मान के साथ शहीद वीरेंद्र सिंह यादव को पुष्पांजलि अर्पित की। इस बीच शहीद वीरेंद्र सिंह यादव के अंतिम दर्शन को आए लोगों ने भारत माता की जय और जब तक सूरज चांद रहेगा तब तक वीरेंद्र सिंह तेरा नाम रहेगा के नारे लगाए। शहीद के बड़े बेटे बबलू ने उन्हें नम आंखों से मुखाग्नि दी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद के परिवार को सांत्वना राशि के रूप में 50 लाख रुपए, एक बेटे को नौकरी एवं उनके गांव की सड़क का नामकरण शहीद के नाम पर करने की घोषणा की है।
अरुणाचल में उग्रवादी हमले के दौरान शहीद हुए वीरेंद्र यादव
मैनपुरी के नायब सूबेदार वीरेंद्र सिंह यादव अरुणाचल प्रदेश में उग्रवादी हमले के दौरान शहीद हो गए थे। शहीद जवान का पार्थिव शरीर मंगलवार रात को उनके पैतृक गांव पहुंचा। अरुणाचल प्रदेश में उग्रवादी हमले के दौरान शहीद हुए मैनपुरी के नायब सूबेदार वीरेंद्र सिंह यादव की शहादत की खबर सुनकर पूरा जनपद शोक में डूब गया। शहीद का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो शहीद के परिवार को सांत्वना देने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोगों का तांता लग गया।
4 सितंबर को आखिरी बार हुई थी पत्नी से फोन पर बात
वीरेंद्र यादव अभी हाल में ही गांव से छुट्टी समाप्त करके ड्यूटी पर गए थे। रविवार की सुबह वीरेंद्र ने अपनी पत्नी मुकेश से बातचीत में कहा था कि उनकी ड्यूटी पानी के टैंकर पर लगी हुई है। उस पर जा रहा हूं और फोन काट दिया। उसके कुछ ही देर बाद यूनिट से फोन आया कि आपके पति उग्रवादी हमले में शहीद हो गए हैं। इतना सुनते ही पत्नी और बेटा चिल्लाने लगे। चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण इकट्ठे हो गए। शहीद अपने पीछे पत्नी और तीन बेटे छोड़ गए हैं। शहीद का बड़ा बेटा बबलू एनडीआरएफ में तैनात है। दूसरा बेटा किसानी करता है, जबकि तीसरा बेटा अभी पढ़ाई कर रहा है।