साहिबे आलम हत्याकांड: 7 साल बाद बाप-बेटे सहित 7 अभियुक्तों को उम्रकैद
मैनपुरी। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में 7 साल पहले हुए बहुचर्चित सहिबे आलम हत्याकांड में कोर्ट ने सोमवार को सात अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 25 हजार का अर्थदंड भी दिया गया। बता दें, लगातार इस मामले की सुनवाई चलती रही। बीते 14 अगस्त को अपर सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह ने अभियोजन पक्ष की दलीलों व साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सजा के लिए 17 अगस्त की तारीख मुकर्रर की थी। सोमवार को सजा का ऐलान कर दिया गया।
क्या है सहिबे आलम हत्याकांड?
मैनपुरी जिले के कस्बा बेवर निवासी शहंशाह ने अपने बेटे साहिबे आलम को सेना में नौकरी लगाने के लिए उत्तम सिंह को चार लाख रुपए दिए थे। सेना में नौकरी तो नहीं लगी दो साल बीत जाने के बाद शहंशाह ने अपने रुपए वापस मांगे। इस पर उत्तम सिंह विवाद पर उतर आया।11 जनवरी 2013 को छिबरामऊ चुंगी के पास शहंशाह की दुकान थी, वहीं पंचायत के लिए उत्तम सिंह को बुलाया गया था। उत्तम सिंह पंचायत में देर से पहुंचा और पहुंचते ही शहंशाह से गाली-गलौज करने लगा।
साहिबे आलम के आंख पर लगी थी गोली
उत्तम सिंह और उसके बेटे के साथ आए अन्य रिश्तेदारों ने लाइसेंसी हथियार और अवैध असलाह से जान से मारने के लिए फायर कर दिया। एक गोली साहिबे आलम के आंख पर जा लगी और उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। दो और भी लोग घायल हुए। दिनदहाड़े हुए इस हत्याकांड में बाजार में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने मामला दर्ज किया। तत्कालीन थाना अध्यक्ष एमए काजी ने सभी नामजद अभियुक्तों को कोर्ट में पेश किया, वहां से उनको जेल भेज दिया गया। हालांकि, हाईकोर्ट ने सात नामजद में से 6 की अंतरिम जमानत मंजूर कर दी थी।
कोर्ट ने सातों अभियुक्तों को सुनाई उम्रकैद की सजा
मुख्य अभियुक्त संजीव चौहान जोकि आर्मी में था, उसकी जमानत कोर्ट ने नामंजूर कर दी। लगातार इस मामले की सुनवाई चलती रही। 14 अगस्त 2020 को अपर सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह ने अभियोजन पक्ष की दलीलों व साक्ष्यों के आधार पर फैसला सुरक्षित रख लिया और सजा के लिए 17 अगस्त की तारीख मुकर्रर कर दी थी। जिला शासकीय अधिवक्ता वीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि सोमवार को न्यायाधीश ने सातों अभियुक्त उत्तम सिंह संजीव चौहान, सोनू भदोरिया, अंशु वैश, हेम सिंह, रवि चौहान, प्रदीप चौहान के सामने उनकी सजा का ऐलान किया। इस जघन्य हत्याकांड में सातों अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। साथ ही 25 हजार का अर्थदंड भी दिया गया।
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