भाजपा के साथ बेहतर संबंध चाहते हैं शिवसेना के सांसद, अब राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उद्धव ठाकरे को लिखा पत्र
मुंबई, 06 जुलाई। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने के बाद जिस तरह से शिवसेना के बागी विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई उसके बाद उद्धव ठाकरे के सामने अपने बाकी के विधायकों और सांसदों को एकजुट रखने की बड़ी चुनौती है। इस बीच शिवसेना के सांसदों ने उद्धव ठाकरे से अपील की है कि वह भाजपा के साथ रिश्तों को बेहतर करने की कोशिश करें और उनके साथ गठबंधन करें।
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उद्धव ठाकरे को लिखा पत्र
शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर उनसे अपील की है कु वह शिवसेना के सांसदों को कहें कि राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन दें। शिवसेना के सूत्रों के अनुसार शेवाले ने उद्धव ठाकरे से आधिकारिक तौर पर यह अपील की है, शिवसेना के सांसद द्रौपदी मुर्मू को 18 जुलाई को राष्ट्रपति के चुनाव में वोट करें नाकि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को।
बीच का रास्ता चाहते हैं शिवसेना के नेता
दरअसल जिस तरह से एकनाथ शिंदे ने बागी विधायकों के साथ पार्टी से अलग रुख अख्तियार करते हुए भाजपा के साथ मिलकर सरकार का गठन किया उसके बाद शिवसेना के 18 में से 16 सांसदों ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी और जिसमे से कुछ सांसदों ने उनसे अपील की थी कि 2024 के लोकसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए भाजपा के साथ कोई बीच का रास्ता निकालें।
मुर्मू के पक्ष में जाना चाहते हैं नेता
शेवाले ने उद्धव ठाकरे से मंगलवार को मुलाकात की थी और उनसे मिलकर खुद उन्हें यह पत्र सौंपा था। पत्र में उन्होंने कहा कि मुर्मू सक्षम आदिवासी नेता हैं और समाज में उनका योगदान अग्रणी है। राजनीति में आने से पहले वह शिक्षिका थीं और उन्होंने झारखंड के राज्यपाल के तौर पर भी बेहतरीन काम किया है। शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने एनडीए के साथ गठबंधन में रहते हुए भी प्रतिभा पाटिल को अपना समर्थन नहीं दिया था, बावजूद इसके कि वह महाराष्ट्र से थीं। इसी तरह से शिवसेना प्रमुख ने प्रणब मुखर्जी को अपना समर्थन दिया था। लिहाजा मुर्मू के बैकग्राउंड को ध्यान में रखते हुए, आदिवासी समाज में उनके योगदान को ध्यान में रखते हुए आपको शिवसेना के सांसदों को यह निर्देश देना चाहिए कि वह द्रौपदी मुर्मू को अपना वोट दें।
भाजपा के साथ आने के विकल्प तलाशें!
एकनाथ शिंदे के बेटे सांसद श्रीकांत शिंदे और भावना गावली ने पिछले महीने हुई शिवसेना की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। शिवसेना के नेताओं का कहना था कि शिवसेना के कुछ सांसदों ने उद्धव ठाकरे से अपील की थी कि वह बागी विधायकों को एक बार फिर से पार्टी में वापस लाने की कोशिश करें, अगर भाजपा के साथ फिर से गठबंधन करके ऐसा संभव है तो इस संभावना को भी तलाशा जाए।
जल्द होगा फैसला
शिवसेना के एक पदाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति का चुनाव गुप्त बैलट से होता है। लिहाजा इसको लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।थ लेकिन अगर सभी सांसद पार्टी के नेतृत्व से अपील करते हैं तो उद्धव ठाकरे को यह फैसला लेना होगा कि वह बड़े हित को देखते हुए सांसदों को मुर्मू के पक्ष में वोट करने के लिए कहें। शिवसेना के लिए यह कोई नहीं बात नहीं है कि वह अपने गठबंधन के साथियों की राय से इतर राष्ट्रपति चुनाव में अपनी स्वतंत्रत सोच रखे। लिहाजा इसको लेकर जल्द ही फैसला लिया जा सकता है।