'सामना' में शिवसेना ने पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का किया समर्थन,लिखा- दिल्ली की खास लॉबी ने की थी शिकायत
मुंबई: शिवसेना ने शुक्रवार को अपने मुख पत्र सामना के संपादकीय में मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के ट्रांसफर को लेकर उद्धव सरकार पर लग रहे अरोपों पर जवाब दिया है और परमबीर सिंह का बचाव किया है। शिवसेना ने सामना के शुक्रवार को संपादकीय में कहा कि एंटीलिया बम कांड की घटना के संबंध में परमबीर सिंह का स्थानांतरण का मतलब यह नहीं है कि वह गुनहगार हैं।
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शिवसेना ने ये बयान सामना में ऐसे समय में दिया है जब जब मुकेश अंबानी के घर एंटीनिया के पास 25 फरवरी को विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो कार मिलने के मामले में मुबंई पुलिस के एक अधिकारी सचिन वाजे की कथित संलिप्तता को लेकर परमबीर सिंह पर ट्रांसफर किया गया। कहा जा रहा था कि पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का तबादला कुछ "गंभीर और उनकी अक्षम्य गलतियों" के कारण हुआ है, जो उनके सहयोगियों द्वारा की गई। पूर्व पुलिस आयुक्त के बारे में शिवसेना ने कहा कि उसके स्थानांतरण का मतलब यह नहीं है कि उन पर कोई दोष सिद्ध हुआ है। परमबीर सिंह को होम गार्ड में एक कम महत्वपूर्ण पद पर स्थानांतरित कर दिया गया था और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हेमंत नागराले को नया कमिश्नर बनाया गया था, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मुंबई के पुलिस अधिकारी सचिन वेज को गिरफ्तार किया था और दावा किया था कि मामले में कई अन्य लोग भी शामिल हैं।
सुशांत
और
कंगना
केस
में
पुलिस
का
मनोबल
नहीं
टूटने
दिया
सुशांत
सिंह
राजपूत
और
कंगना
रनौत
जैसे
प्रकरणों
में
उन्होंने
पुलिस
का
मनोबल
टूटने
नहीं
दिया।
इन
मामालों
में
सीबीआई
आई
तो
भी
मुंबई
पुलिस
की
जांच
सीबीआई
के
पास
नहीं
जा
सकी।
शिवसेना
ने
लिखा
कि
टीआरपी
घोटाले
की
फाइल
उन्हीं
के
कार्यकाल
में
खोली
गई।
दिल्ली
की
एक
विशिष्ठ
लॉबी
का
परबीर
सिंह
पर
गुस्सा
था
जो
इसी
वजह
से
था।
दिल्ली
की
खास
लॉबी
का
हुए
शिकार
परमबीर
सिंह
दिल्ली
में
एक
लॉबी
ने
टीआरपी
घोटाले
के
बारे
में
अनभिज्ञता
जताई
थी।
मामले
में
एनआईए
(राष्ट्रीय
जांच
एजेंसी)
की
जांच
के
औचित्य
की
मांग
करते
हुए,
शिवसेना
ने
पूछा
कि
इस
मामले
में
आतंकी
कोण
क्या
है।
"एनआईए
आतंकवाद
से
संबंधित
मामलों
की
जांच
करती
है।
लेकिन
आतंकवाद
से
कोई
संबंध
नहीं
होने
के
बावजूद,
एजेंसी
को
मामला
सौंप
दिया
गया
है।
एनआईए
ने
उरी
हमले,
पठानकोट
हमले
और
पुलवामा
हमले
में
क्या
किया?
इसमें
कितने
अपराधी
पकड़े
गए
हैं?
यह
भी
एक
रहस्य
है।
जिलेटिन
की
छड़ें
एनआईए
के
लिए
बड़ी
चुनौती
साबित
होती
हैं।
शिवसेना
ने
आगे
लिखा
उनके
हाथ
कुछ
नहीं
लगा
तो
मुंबई
में
उनके
हाथ
जेलेटिन
की
20
छड़े
लग
गई
जिन
छड़ों
में
धमाका
हुए
बगैर
पुलिस
फोर्स
में
दहशत
फैल
गई।
इसलिए
नए
मुंबई
कमिश्नर
साहस
और
सावधानी
से
काम
करना
होगा।
इसके
पीछे
केवल
मकसद
महाराष्ट्र
सरकार
को
बदनाम
करना
है
बता
दें
25
फरवरी
को
एंटीलिया
के
बाहर
एक
विस्फोटक
से
लदी
एसयूवी
पाई
गई।
बीस
जिलेटिन
की
छड़ें
और
एक
धमकी
भरा
पत्र
मिला।
एसयूवी
का
पता
लगाने
के
लिए
ठाणे
स्थित
व्यवसायी
मनसुख
हिरन
का
पता
लगाया
गया
था,
जो
घटना
के
तुरंत
बाद
मृत
पाए
गया।
इस
मामले
को
एनआईए
को
सौंपे
जाने
पर
शिवसेना
ने
लिखा
विपक्ष
सवाल
खड़े
कर
रहा
है
लेकिन
राज्य
का
आतंक
निरोधी
दस्ता
इस
केस
में
हत्या
का
मामला
दर्ज
करके
जांच
कर
रहा
था
तभी
आनन-फानन
में
एनआईए
ने
जांच
अपने
हाथ
में
ले
ली।
शिवसेना
ने
आगे
लिखा
इसके
पीछे
केवल
मकसद
महाराष्ट्र
सरकार
को
बदनाम
करना
है
और
इसके
अतिरिक्त
और
कोई
नेक
मकसद
नही
है।
कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई के लिए पुलिस में जोश निर्माण किया था
शिवसेना ने आगे लिखा- "सरकार को कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में पुलिस में रेजिग करना पड़ता है। परम बीर सिंह को मुंबई पुलिस आयुक्त के पद पर हटाया गया जिसका अर्थ यह नहीं है कि वह दोषी हैं। उन्होंने मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद की कमान बहुत कठिन समय के दौरान संभाली। उन्होंने कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई के लिए पुलिस में जोश निर्माण किया था। उन्होंने प्रतिबद्धता पर भी ध्यान दिया, क्योंकि वे धारावी गए थे। जो पिछले साल कोरोना संक्रमण का एक बड़ा केंद्र था।
मुंबई पुलिस कमिश्नर को क्यों हटाया गया ? महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने दिया जवाब