कर्नाटक जैसे नतीजे पूरे देश में दोहराए जा सकते हैं अगर....शरद पवार ने बताई शर्त
एनसीपी नेता शरद पवार कर्नाटक के चुनाव परिणाम से कांग्रेस भी ज्यादा उत्साहित लग रहे हैं। उन्होंने कहा है कि कर्नाटक जैसे परिणाम देश के दूसरे हिस्सों में भी आ सकते हैं। लेकिन,इसके लिए उनकी एक शर्त है।
एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने रविवार को कहा है कि देश में सामाजिक और सांप्रदायिक विभाजन को जानबूझकर बढ़ावा देने वाली शक्तियों से लड़ना सभी के लिए चुनौती है। उन्होंने दावा किया कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम दिखाते हैं कि देश में परिस्थितियां तेजी से बदल रही हैं।
पवार
ने
देश
में
परिस्थितियां
बदलने
का
किया
दावा
राष्ट्रवादी
कांग्रेस
पार्टी
के
प्रमुख
शरद
पवार
ने
रविवार
को
महाराष्ट्र
के
अहमदनगर
में
आयोजित
एक
कार्यक्रम
में
कर्नाटक
विधानसभा
चुनाव
परिणामों
को
लेकर
देश
की
राजनीतिक
परिस्थितियों
के
बारे
में
बहुत
बड़ा
दावा
किया
है।
कर्नाटक
में
कांग्रेस
ने
भारतीय
जनता
पार्टी
पर
बड़ी
जीत
दर्ज
करके
पांच
साल
बाद
सत्ता
में
वापसी
की
है।
कर्नाटक
वाले
नतीजे
पूरे
देश
में
दोहराए
जा
सकते
हैं-
शरद
पवार
शरद
पवार
का
दावा
है
कि
अगर
कामकाजी
वर्ग
मजबूत
और
एकजुट
बना
रहता
है
तो
जो
कर्नाटक
विधानसभा
चुनावों
में
दिखाई
पड़ा,
वह
देश
में
दूसरी
जगहों
पर
भी
दोहराया
जा
सकता
है।
उन्होंने
आरोप
लगाया,
'देश
को
चलाने
वाली
कुछ
शक्तियां
जाति
और
धार्मिक
के
आधार
पर
समाज
में
तनाव
बढ़ाकर
इसे
पीछे
ले
जा
रही
हैं।'
देश
को
चलाने
वाली
कुछ
शक्तियां
विभाजनकारी-पवार
उन्होंने
यह
भी
आरोप
लगाया
कि
'वे
लोग
शक्ति
का
इस्तेमाल
लोगों
के
कल्याण
के
लिए
नहीं
कर
रहे
हैं,
बल्कि
उनके
बीच
विभाजन
डालने
के
लिए
कर
रहे
हैं।'
एनसीपी
चीफ
ने
कहा
कि
ऐसी
शक्तियों
से
लड़ने
की
चुनौती
है,
नहीं
तो
आम
आदमी
को
तबाह
कर
दिया
जाएगा।
उन्होंने कहा कि 'अहमदनगर के एक प्रगतिशील जिला होने के बावजूद, हाल में शेगांव में सामाजिक तनाव हो गया था।' वो बोले कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम दिखाते हैं कि परिस्थितियां धीरे-धीरे बदल रही हैं।
पवार
ने
कांग्रेस
सरकार
की
तारीफों
के
पुल
बांधे
पवार
ने
कहा,
'कर्नाटक
में
आम
आदमी
की
एक
सरकार
ने
कार्यभार
संभाला
है।
कल
शपथग्रहण
समारोह
(कर्नाटक
के
मुख्यमंत्री
सिद्दारमैया)
में
जिन
एक
लाख
लोगों
ने
भाग
लिया,
उनमें
से
70
फीसदी
समाज
के
विभिन्न
तबके
के
युवा
थे।
नए
मुख्यमंत्री
कमजोर
वर्गों
के
हितों
की
रक्षा
के
लिए
काम
करते
हैं
और
सबको
साथ
लेकर
चलते
हैं।'
'कामकाजी
वर्ग
मजबूत
और
एकजुटता
बना
रहा
तो...'
उनका
कहना
है
कि
अगर
देश
का
कामकाजी
वर्ग
मजबूत
बना
रहा
और
उसमें
एकजुटता
बनी
रही
तो
कर्नाटक
जैसी
स्थिति
देश
के
अन्य
भागों
में
भी
देखने
को
मिलेगी।
दरअसल,
कर्नाटक
में
कांग्रेस
की
बड़ी
जीत
के
बाद
कुछ
विपक्षी
दलों
में
केंद्र
में
सत्ताधारी
बीजेपी
को
चुनौती
देने
का
हौसला
पैदा
हुआ
है।
(इनपुट-
पीटीआई)