चांदीवाल आयोग के सामने वाजे की अर्जी, संयुक्त पुलिस आयुक्त मिलिंद को पेश करने की मांग
नई दिल्ली, 21 जनवरी: एंटीलिया बम केस और महाराष्ट्र वसूली कांड की जांच जारी है। हाल ही में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे चांदीवाल आयोग के सामने पेश हुए थे। दोनों ने वहां पर अपनी दलीलें रखीं। अब वाजे के वकील ने आयोग के सामने एक आवेदन दिया है। जिसमें संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मिलिंद भारमबे को गवाह के तौर पर आयोग के सामने पेश करने का निवेदन किया गया। इस पर 24 जनवरी को फैसला होगा।
दरअसल न्यायमूर्ति केयू चांदीवाल आयोग वसूली मामले की जांच कर रहा है। जिस वजह से इन दिनों अनिल देशमुख उसके सामने पेश हो रहे हैं। हाल ही में उन्होंने आयोग को बताया कि बर्खास्त सचिन वाजे को मुंबई पुलिस की अपराध इंटेलिजेंस इकाई (सीआईयू) का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद उन्हें कई शिकायतें मिली थीं। वो शिकायतें मौखिक रूप से थीं, जिस वजह से वो किसी का नाम नहीं ले सकते हैं। उन्होंने संभावना जताई कि शायद गृह विभाग के पास कोई लिखित शिकायत गई हो।
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देशमुख के मुताबिक वाजे 14-15 साल तक निलंबित था। इसके बाद उसे सीआईयू का इंचार्ज बना दिया गया। आमतौर पर ऐसे लोगों को इतनी अहम जिम्मेदारी नहीं दी जाती। उन्होंने कहा कि जब परमबीर सिंह ने वाजे को ये जिम्मेदारी दी, तो तत्कालीन संयुक्त पुलिस आयुक्त संतोष रस्तोगी ने इस पर आपत्ति जताई थी। इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया था कि परमबीर सिंह की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी का गठन हो।