महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: जानिए नांदेड़ नॉर्थ सीट के बारे में
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाल प्रचार में जुटी हैं। 21 अक्टूबर को राज्य में चुनाव होने हैं। ऐसे में सूबे के सियासी दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। एक तरफ शिवेसना के लिए उद्धव और आदित्य ठाकरे प्रचार कर रहे हैं तो वहीं भाजपा के लिए देवेंद्र फडणवीस मैदान में हैं। एनसीपी के लिए पवार परिवार मैदान में है तो कांग्रेस भी अपने बड़े चेहरों को उतार चुकी है। हम आपको महाराष्ट्र की अलग-अलग विधानसभा सीटों के बारे में बता रहे हैं। आज हम आपको नांदेड़ उत्तर विधानसभा सीट के बारे में बता रहे हैं। इस सीट के सियासी इतिहास के साथ-साथ इस एरिया की दूसरी खास बातें भी हम आपको बताएंगे।
नांदेड़ जिले की नांदेड उत्तर विधानसभा सीट इस समय कांग्रेस के पास है। कांग्रेस के डीपी सावंत ने 2014 के चुनाव में यहां से भाजपा के पंढारे सुधाकर रामाराव को 7600 वोटों से हराया था। कांग्रेस को 40,356 तो भाजपा को 32,754 वोट मिले थे। सीट पर एआईएमआईएम ने सबको चौंकाते हुए तगड़े वोट हासिल किए थे और तीसरे नंबर पर रही थी। एआईएमआईएम को भाजपा से महज 421 वोट ही कम मिले थे। ऐसे में इस बार भी एआईएमआईएम पर सबकी निगाहें होंगी। एआईएमआईएम इस सीट पर किसी का खेल बना सकती है तो किसी का खेल बिगाड़ भी सकती है। वहीं बसपा ने भी इस सीट पर बीते चुनाव में 20 हजार से ज्यादा वोट हासिल किए थे। ऐसे में साफ है कि नांदेड उत्तर सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है।
वहीं नांदेड विधानसभा सीट के इतिहास पर नजर डालें तो पाएंगे कि यहां कांग्रेस का अच्छा प्रभाव रहा है। 1990 से कांग्रेस यहां से लगातार जीत रही है। 1985 और 1978 में यहां से जेएनपी जीती थी।
नांदेड जिले की बात की जाए तो ये जिला महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में आता है। शहर प्रसिद्ध सिख तीर्थ हजुर साहिब या सचखंड गुरुद्वारा के लिए मशहूर है। इसे आखरी गुरु गोबिंद सिंह के निधन के बाद बनाया गया था। कहा जाता है कि सिखों के दसवें गुरु- गुरु गोबिंद सिंह, अपने अंतिम निवास के रूप में नांदेड़ में बस गए और खुद को सिखों के अंतिम गुरु होने की घोषणा की गुरुद्वारों के अलावा मस्जिदों और मंदिरों के लिए भी ये शहर मशहूर है। नांदेड़ कई प्राचीन किलों जैसे कंधार, धरुर और कुंथलिगिरी के लिए भी जाना जाता है।
बता दें कि महाराष्ट्र में हरियाणा के साथ 21 अक्टूबर को चुनाव होना है। 24 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। चुनाव में सीधा मुकाबला भाजपा-शिवसेना गठबंधन और कांग्रेस-एनसीपी एलायंस के बीच ही माना जा रहा है। वहीं कई छोटे दल भी चुनाव में अपना दमखम दिखा रहे हैं। इसमें प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुन अघाड़ी और असदुद्दीन औवेसी की एआईएमआईएम प्रमुख हैं।
288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में 2014 के चुनाव में भाजपा 122 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। शिवसेना को 63 सीटों पर जीत मिली थी। चुनाव के बाद शिवसेना के सहयोग से भाजपा ने सरकार बनाई थी। देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने थे। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीट जीतने में कामयाब रही थी। 13 सीटें छोटे दलों के खाते में गई थी, तो वहीं 7 निर्दलीय विधायक भी चुने गए थे।