महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: नागपुर पश्चिम सीट के बारे में जानिए
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नई दिल्ली। नागपुर साउथ वेस्ट विधानसभा सीट महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इस बार नागपुर साउथ वेस्ट विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है। हम आपके लिये लाये हैं विस्तृत कवरेज, जिसमें आप विधानसभा सीट पर प्रत्याशियों की सूची, पार्टी प्रचार व अन्य खबरों के साथ-साथ जान सकेंगे यहां के विजेता, उपविजेता, वोट शेयर और बहुत कुछ। नागपुर पश्चिम विधानसभा सीट नागपुर जिले का पॉश विधानसभा क्षेत्र है। नागपुर पश्चिम विधानसभा सीट नागपुर लोकसभा सीट में ही पड़ता है। कई सालों तक यह विधानसभा सीट कांग्रेस की गढ़ थी, मगर पिछले कई बार से भारतीय जनता पार्टी का यह मजबूत किला हो गया है।
2014 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के देशमुख सुधाकर शामराव ने कांग्रेस के ठाकरे विकास पांडुरंग को हराया था। इस चुनाव में देशमुख को जहां 86500 वोट मिले थे, वहीं कांग्रेस के ठाकरे विकास 60098 वोट मिले थे। 2009 में भी बीजेपी के टिकट पर देशमुख सुधाकर ने कांग्रेस के ही अनीस अहमद को हराया था। इस सीट पर 1967 में पहली बार चुनाव हुआ था। इस सीट पर 1985 तक कांग्रेस का कब्जा रहा। लेकिन 1990 से लेकर 2014 तक इस सीट पर लगातार बीजेपी जीतती आ रही है। 2009 से इस सीट से देशमुख सुधाकर शामराव इस सीट से विधायक हैं। इस बार भी बीजेपी ने मौजूदा विधायक देशमुख सुधाकर पर फिर विश्वास जताया है। उन्हें इस सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है। अगर देशमुख सुधाकर इस बार भी इस सीट से विधायक बनते हैं तो वह इस सीट सबसे अधिक बार चुने जाने वाले विधायक बन जाएंगे।
जानें अपने विधायक के बारे में:
सुधाकर देशमुख नागपुर विश्वविद्यालय से वाणिज्य स्नातक हैं। वह 2000 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। इससे पहले देशमुख भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में थे। सुधाकर देशमुख 1991 से 1996 तक कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य थे। देशमुख भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) नागपुर जिला समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 11 अक्टूबर 1957 को जन्मे देशमुख ने चुनावी हलफनामे में खुद का व्यवसाय कृषि बताया है। बी कॉम तक की पढ़ाई कर चुके देशमुख ने चुनावी हलफनामे में खुद की सम्पत्ति 2 करोड़ रुपए के आसपास बताई है। वहीं उन्होंने अपने उपर 6 लाख की देनदारी दिखाई है। 2014 के हलफनामे के मुताबिक देशमुख के उपर 8 आपराधिक मुकदमे दिखाए गए हैं।
शहर एक नजर:
अगर हम बात नागपुर के इतिहास और संस्कृति की करें तो नागपुर महाराष्ट्र राज्य का तीसरा बड़ा शहर है। नागपुर भारत के मध्य में स्थित है। इसे महाराष्ट्र की उपराजधानी भी कहा जाता है। नागपुर भारत का 13 वां व विश्व का 114 वां सबसे बड़ा शहर हैं। यह नगर संतरों के लिये काफी मशहूर है। इसलिए इसे लोग ऑरेंज सिटी भी कहते हैं। इसे भारत की टाइगर राजधानी भी कहा जाता है। नागपुर को गोंड राजवंश ने खोजा था जिस पर बाद में मराठा साम्राज्य के अंतर्गत भोसलो ने अपना आधिपत्य जमा लिया था। बाद में अंग्रेजो ने कब्जा करके नागपुर को प्रांत की केन्द्रीय राजधानी बना दिया था। नागपुर शहर का दिलचस्प नाम इस शहर की नाग नदी के नाम पर पड़ा है वही पुर संस्कृत और हिन्दी में शहरों के साथ जुड़ने वाला प्रत्यय है। नवेगांव बांध, सीताबुल्दी किला और पेंच नेशनल पार्क नागपुर में कुछ प्रमुख आकर्षण केन्द्र है। दीक्षा भूमि नागपुर की प्रतिष्ठित जगह है जहां एक हजार दलितों ने डॉ. बी. आर. अम्बेडकर का अनुसरण किया और बौद्ध धर्म में परिवर्तित हो गए। नागपुर शहर के बीचों-बीच एक पत्थर का खम्भा लगा हुआ है जिसमें देश के सभी प्रमुख शहरों की नागपुर से दूरी लिखी हुई है। इस जीरो माइल का निर्माण ब्रिटिश शासन के दौरान किया गया था।
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