महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: नागपुर साउथ सीट के बारे में जानिए
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है। 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र में 288 सीटों पर वोटिंग होगी। 24 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे आ जाएंगे। आज हम आपको बताने जा रहे है राज्य की सबसे अहम सीट नागपुर साउथ के बारे में। नागपुर दक्षिण महाराष्ट्र के नागपुर जिले का हिस्सा है। यह विधानसभा नागपुर संसदीय क्षेत्र में आता है। 2014 में यहां से भाजपा के सुधाकर विट्ठलराव कोहले ने जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार सतीश चतुर्वेदी को 43214 मतों के अंतर से हराया था। विट्ठलराव कोहले और सतीश चतुर्वेदी को क्रमशः 81224 व 38010 वोट हासिल हुए थे। इस सीट से 19 प्रत्याशी मैदान में थे. यहां वोटरों की संख्या 342268 से अधिक है। बीते चुनाव में यहां 53.54 फीसदी वोटिंग हुई थी।
महाराष्ट्र विधानसभा की यह सीट 53 है। नागपुर साउथ सीट पर अधिकतर कांग्रेस और शिवसेना की बीच चक्कर रही है। इस सीट पर चार बार जहां शिवसेना ने अपनी कब्जा जमाया तो वहीं कांग्रेस इस सीट को तीन बार अपने खाते में डालने में सफल रही। हालांकि 2014 में यह सीट बीजेपी ने शिवसेना के हाथ से छीन ली। वहीं कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही। वहीं शिवसेना इस चुनाव में पांचवे स्थान पर रही। इस सीट पर 1990 से लेकर 2004 तक शिवसेना का कब्जा रहा। वहीं 1985 में इस सीट से कांग्रेस के कांति कोली जीते। महाराष्ट में 2014 में 63.08 प्रतिशत वोट डाले गए थे। कुल 52691758 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। जिसमें 28383004 पुरुष, 24308397 महिला और 357 थर्ड जेंडर वोटर्स शामिल थे। पिछले विधानसभा चुनाव में 63.08 प्रतिशत वोट डाले गए थे।
जानें
मौजूदा
विधायक
के
बारे
में:
अगर
बात
नागपुर
साउथ
के
मौजूदा
एमएलए
सुधाकर
विठ्ठलराव
कोहले
की
करें
तो
कोहले
पहली
बार
विधानसभा
चुनाव
जीतकर
असेंबली
पहुंचे
थे।
पेशे
से
टीचर
रहे
कोहले
विधानसभा
चुनाव
जीते
से
पहले
नागपुर
नगर
परिषद
में
पार्षद
थे।
वह
चुनाव
के
समय
नागपुर
महानगर
पालिका
(NMC)
में
निगम
पार्षद
थे।
कोहले
की
अगर
शिक्षा
की
बात
करे
तो
उन्होंने
शिवाजी
शिक्षण
कॉलेज
से
बीएड
किया
है।
उनकी
पत्नी
एक
सोशल
वर्कर
हैं।
चुनाव
आयोग
में
दायर
हलफनामे
के
मुताबिक,
कोहले
ने
अपनी
कुल
संपत्ति
1
करोड़
रुपए
बताई
थी।
वहीं
उन्होंने
अपने
उपर
20
लाख
रुपए
देनदारी
भी
बताई
थी।
कोहले
के
खिलाफ
एक
क्रिमिनल
केस
दर्ज
है।
शहर
एक
नजर:
अगर
हम
बात
नागपुर
के
इतिहास
और
संस्कृति
की
करें
तो
नागपुर
महाराष्ट्र
राज्य
का
तीसरा
बड़ा
शहर
है।
नागपुर
भारत
के
मध्य
में
स्थित
है।
इसे
महाराष्ट्र
की
उपराजधानी
भी
कहा
जाता
है।
नागपुर
भारत
का
13
वां
व
विश्व
का
114
वां
सबसे
बड़ा
शहर
हैं।
यह
नगर
संतरों
के
लिये
काफी
मशहूर
है।
इसलिए
इसे
लोग
ऑरेंज
सिटी
भी
कहते
हैं।
इसे
भारत
की
टाइगर
राजधानी
भी
कहा
जाता
है।
नागपुर
को
गोंड
राजवंश
ने
खोजा
था
जिस
पर
बाद
में
मराठा
साम्राज्य
के
अंतर्गत
भोसलो
ने
अपना
आधिपत्य
जमा
लिया
था।
बाद
में
अंग्रेजो
ने
कब्जा
करके
नागपुर
को
प्रांत
की
केन्द्रीय
राजधानी
बना
दिया
था।
नागपुर शहर का दिलचस्प नाम इस शहर की नाग नदी के नाम पर पड़ा है वही पुर संस्कृत और हिन्दी में शहरों के साथ जुड़ने वाला प्रत्यय है। नवेगांव बांध, सीताबुल्दी किला और पेंच नेशनल पार्क नागपुर में कुछ प्रमुख आकर्षण केन्द्र है। दीक्षा भूमि नागपुर की प्रतिष्ठित जगह है जहां एक हजार दलितों ने डॉ. बी. आर. अम्बेडकर का अनुसरण किया और बौद्ध धर्म में परिवर्तित हो गए। नागपुर शहर के बीचों-बीच एक पत्थर का खम्भा लगा हुआ है जिसमें देश के सभी प्रमुख शहरों की नागपुर से दूरी लिखी हुई है। इस जीरो माइल का निर्माण ब्रिटिश शासन के दौरान किया गया था।
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