महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: नागपुर सेंट्रल सीट के बारे में जानिए
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। राज्य की प्रमुख पार्टियों ने प्रदेश में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। हर विधानसभा में उम्मीदवार अपनी-अपनी दावेदारी को मजबूत करने में लगे हुए हैं। आज हम एक ऐसी ही विधानसभा सीट के बार में बात करने जा रहे हैं जो राज्य की विधानसभा में एक अहम स्थान रखती है। हम बात कर रहे हैं नागपुर की नागपुर सेंट्रल विधानसभा सीट की। इस सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है। 2014 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के विकास शंकरराव कुंभारे ने कांग्रेस के अनीष अहमद को करीब 38,071 वोटों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में शंकरराव को 87,523 को मत मिले थे। तो वहीं कांग्रेस के अनीष को 49,452 मत मिले। सीट पर बीएसपी तीसरे स्थान पर रही थी।
इस सीट को बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है। 1970 से लेकर अभी तक इस सीट पर 4 बार बीजेपी और एक बार रामदास अठावले की पार्टी जीती है। पिछले चुनाव में यहां बीजेपी, बीएसपी और कांग्रेस के बीच टक्कर हुई थी। 2014 में यहां कुल 54.98 फीसदी वोटिंग हुई थी। 2009 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के विकास शंकरराव कुंभारे ने जीत दर्ज की थी और साल 2014 के चुनाव में भी उन्होंने ही बाजी मारी थी। साल 2009 में उन्होंने कांग्रेस के डॉ रामचंद्र को हराया था। 2004 में आरपीआई(ए) के सुरेश (पप्पू) बुधरामल कलानी ने बीजेपी के उत्तमचंद को हराया था। इस सीट से सुरेश (पप्पू) बुधरामल कलानी सबसे अधिक 4 बार विधायक चुने गए। चारों बार वे अलग-अलग पार्टी से चुनाव लड़े। 1990 में वे कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा पहुंचे। 1995 में वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर लड़े और जीते। 1999 में वे एनवीवीपी पार्टी से चुनाव लड़े और बीजेपी के सीतलदास खुबचंद हरचंदानी को 40 हजार वोटों से पराजित किया। इसके बाद 2004 में उन्होंने फिर पार्टी बदली और रामदास अठावले की आरपीआई(ए) की टिकट पर चुनाव लड़े और जीत दर्ज की।
जानें अपने विधायक के बारे में:
इस सीट से बीजेपी नेता विकास शंकरराव कुंभारे लगातार दो बार से बीजेपी की टिकट पर विधायक बन चुके हैं। दोनों बार उनकी कड़ा मुकाबला कांग्रेस से रहा। 2009 में वे सिर्फ 10 हजार वोटों से जीते थे। अगर बात शंकरराव के निजी जीवन की करें तो उनका जन्म 9 मार्च 1970 को हुआ। शंकरराव 12वीं पास हैं। कुम्भारे का संबंध हलबा, कोशी समुदाय से है। विकास कुम्भारे विधानसभा सत्र के सक्रिय सदस्यों में से एक है। विकास कुंभारे एक जन नेता हैं। वे नागपुर जिले में किए गए अपने सामाजिक कार्यों के लिए जाने जाते हैं। अगर बात उनकी संपत्ति की करें तो चुनाव आयोग में दायर हलफनामे के मुताबिक, उनके पास 1 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। वहीं उनपर लगभग 8 लाख रुपए की देनदारी है। उनपर 15 क्रिमिनल केस दर्ज हैं।
शहर एक नजर:
अगर हम बात नागपुर के इतिहास और संस्कृति की करें तो नागपुर महाराष्ट्र राज्य का तीसरा बड़ा शहर है। नागपुर भारत के मध्य में स्थित है। इसे महाराष्ट्र की उपराजधानी भी कहा जाता है। नागपुर भारत का 13 वां व विश्व का 114 वां सबसे बड़ा शहर हैं। यह नगर संतरों के लिये काफी मशहूर है। इसलिए इसे लोग ऑरेंज सिटी भी कहते हैं। इसे भारत की टाइगर राजधानी भी कहा जाता है। नागपुर को गोंड राजवंश ने खोजा था जिस पर बाद में मराठा साम्राज्य के अंतर्गत भोसलो ने अपना आधिपत्य जमा लिया था।
बाद में अंग्रेजों ने कब्जा करके नागपुर को प्रांत की केन्द्रीय राजधानी बना दिया था। नागपुर शहर का दिलचस्प नाम इस शहर की नाग नदी के नाम पर पड़ा है वही पुर संस्कृत और हिन्दी में शहरों के साथ जुड़ने वाला प्रत्यय है। नवेगांव बांध, सीताबुल्दी किला और पेंच नेशनल पार्क नागपुर में कुछ प्रमुख आकर्षण केन्द्र है। दीक्षा भूमि नागपुर की प्रतिष्ठित जगह है जहां एक हजार दलितों ने डॉ. बी. आर. अम्बेडकर का अनुसरण किया और बौद्ध धर्म में परिवर्तित हो गए। नागपुर शहर के बीचों-बीच एक पत्थर का खम्भा लगा हुआ है जिसमें देश के सभी प्रमुख शहरों की नागपुर से दूरी लिखी हुई है। इस जीरो माइल का निर्माण ब्रिटिश शासन के दौरान किया गया था।
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