महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: जानिए भंडारा सीट के बारे में
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारी इस वक्त पूरे जोरों पर है। 21 अक्टूबर को राज्य में चुनाव है। ऐसे में कम समय को देखते हुए सभी राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। एक तरफ शिवेसना के लिए उद्धव और आदित्य ठाकरे प्रचार कर रहे हैं तो वहीं भाजपा के लिए देवेंद्र फडणवीस मैदान में हैं। एनसीपी के लिए पवार परिवार मैदान में है तो कांग्रेस भी अपने बड़े चेहरों को उतार चुकी है। हम आपको लगातार महाराष्ट्र की अलग-अलग विधानसभा सीटों के बारे में बता रहे हैं। तो आज हम आपको भंडारा सीट के बारे में बता रहे हैं। तो आइए आपको बताते हैं कि इस सीट का सियासी इतिहास क्या कहता है। साथ ही इस एरिया की दूसरी खास बातें भी हम आपको बताएंगे।
भंडारा जिले की भंडारा विधानसभा सीट इस समय भाजपा के पास है। भंडारा-गोंडिया संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली इस सीट पर 2014 में भारतीय जनता पार्टी के अवसरे रामचंद्र पुणाजी ने बसपा के गधवे देवांगना विजय को हराया था। अवसरे रामचंद्र पुणाजी को 83408 वोट मिले थे, तो वहीं गधवे देवांगना विजय को 46576 वोट मिले थे। पुणाजी ने 36,832 वोटों से जीत दर्ज की थी। शिवसेना तीसरे और कांग्रेस चौथे स्थान पर रही थी।
भंडारा विधानसभा सीट अनुसूचित जाति आरक्षित सीट है। 1978 में वजूद में आई इस सीट पर कभी किसी एक पार्टी का प्रभाव नहीं रहा। 1978 में जेएनपी, 1980 में कांग्रेस (इंदिरा), 85 में जेएनपी तो 90 में फिर कांग्रेस जीती। 1999 और 04 में यहां हितेंद्र विष्णु ने निर्दलीय के तौर पर जीत हासिल की। 2009 में शिवसेना तो 14 में भाजपा यहां से जीती।
माना जा रहा है कि इस बार इस सीट का चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है। 2014 में यहां बसपा को काफी अच्छे वोट मिले थे। बसपा उम्मीदवार यहां इस दफा भी कड़ी टक्कर दे सकता है। वहीं 2014 में शिवसेना, कांग्रेस, भाजपा, एनसीपी अलग-अलग लड़ रही थीं। इस दफा शिवसेना भाजपा के साथ तो कांग्रेस एनसीपी के साथ है। ऐसे में गठबंधन के चलते भी आंकड़े बदल सकते हैं।
भंडारा को पीतल सिटी के नाम से भी जाना जाता है, ऐसा इसलिए क्योंक् यहां पीतल से जुड़े कारोबार काफी हैं। वहीं यह जगह राइस के उत्पादन के लिए फेमस है। धान की खेती यहां खूब होती है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, यहां की जनसंख्या 280,030 थी।
महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को चुनाव होना है और 24 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान होगा। चुनाव में सीधा मुकाबला भाजपा-शिवसेना गठबंधन और कांग्रेस-एनसीपी एलायंस के बीच है। वहीं कई छोटे दल भी चुनाव में अपना दमखम दिखा रहे हैं।
288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में 2014 के चुनाव में भाजपा 122 सीटों के साथ सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। शिवसेना को 63 सीटों पर जीत मिली थी। चुनाव के बाद शिवसेना के सहयोग से भाजपा ने सरकार बनाई थी। देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने थे। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 42 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने 41 सीट जीतने में कामयाब रही थी। 13 सीटें छोटे दलों के खाते में गई थी, तो वहीं 7 निर्दलीय विधायक भी चुने गए थे।