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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: औरंगाबाद वेस्‍ट विधानसभा सीट

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औरंगाबाद। औरंगाबाद, भारत के अहम राज्‍य महाराष्‍ट्र का एक महानगर है। औरंगाबाद जिले को मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर रखा गया था। औंरगाबाद का मतलब होता है 'पत्‍थर से बना सिंहासन'। औरंगाबाद, महाराष्‍ट्र का शहर है जहां पर अजंता और एलोरा जैसी वर्ल्‍ड हैरिटेज साइट्स हैं और कई दूसरे मशहूर पर्यटन स्‍थल भी यहां पर हैं। ऐसी कई जगहों के होने के कारण यह शहर एक अहम पर्यटक केंद्र बन गया है। महाराष्‍ट्र राज्‍य का जिला, औरंगाबाद एक प्रमुख औद्योगिक शहर और शिक्षा का केंद्र भी है। यह एक जिला एवं संभाग मुख्यालय भी है। अजन्‍ता और एलोरा की प्रसिद्ध बौद्ध गुफाओं के लिए जाना जाता है। इन गुफाओं का निर्माण 200 ईसा पूर्व से लेकर 650 ई. तक हुआ। इन गुफाओं को विश्व धरोहर (वर्ल्‍ड हेरिटेज) में शामिल कर लिया गया है।

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कुल नौ विधानसभा सीटें

औरंगाबाद में नौ विधानसभा सीटें हैं। साल 2014 के बाद यह शहर एक नए विधानसभा चुनाव के लिए तैयार है। औरंगाबाद वेस्‍ट में 15 अक्‍टूबर को वोट डाले जाएंगे। औरंगाबाद वेस्‍ट में इस समय 287750 मतदाता हैं जिसमें से 53.73 प्रतिशत पुरुष और 46.27 प्रतिशत मतदाता महिलाएं हैं। साल 2014 में यहां पर 311 पोलिंग स्‍टेशनों पर 185980 वोट्स डाले गए थे। वोटर टर्नआउट 64प्रतिशत दर्ज हुआ। यह एक शेड्यूल कास्‍ट सीट है जहां पर शिवसेना का दबदबा है। यहां पर शिवसेना के विधायक संजय शिरसात 2009 और फिर से 2014 में चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे। संजय को उन चुनावों में 61,282 वोट्स मिले थे। बीजेपी के मधुकर सावंत को 54355 वोट्स मिले थे और वह दूसरे नंबर पर रहे थे। एमआईएम ने भी पिछले चुनावों में पूर्व मंत्री गंगाधर गदे को इसी सीट से टिकट दिया था। औरंगाबाद वेस्‍ट, जिले की वह विधानसभा सीट है जिसके तहत कई गांव आते हैं। सतारा के कई गांवों से लेकर पंढरपुर, मालिवाड़ा से नेकर कंचनवाड़ी जैसे गांव इसी विधानसभा क्षेत्र में आते हैं। साल 2014 में जब यहां पर चुनाव हुए तो बीजेपी और शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। विशेषज्ञों की मानें तो यहां पर ही दोनों पार्टियों के बीच असली जंग देखने को मिलती है।

क्‍या है औरंगाबाद की अहमियत

मध्‍यकाल में औरंगाबाद भारत में अपना महत्‍वपूर्ण स्‍थान रखता था। औरंगजेब ने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्‍सा यहीं पर बिताया था। सिर्फ इतना ही नहीं उनकी मौत भी यहीं हुई थीं। औरंगजेब की पत्‍नी रबिया दुरानी का मकबरा भी यही हैं। इस मकबरे का निर्माण ताजमहल की प्रेरणा से किया गया था। इसीलिए इसे 'पश्चिम का ताजमहल' और छोटा ताजमहल के नाम से भी जाना जाता है। छोटा ताजमहल सेंट्रल औरंगाबाद में ही आता है। पुराने शहर में फैले ये मस्जिद और दरगाह लगातार उपयोग में आने के कारण अच्‍छी अवस्‍थ‍ा में हैं। इन भवनों में जामा मस्जिद प्रमुख है जो निज़ाम और मुगल के शासन काल में अपना महत्‍व रखता था। जामा मस्जिद के अलावा शाह गंज मस्जिद, चौकी की मस्जिद (इस मस्जिद का निर्माण औरंगजेब के चाचा ने करवाया था) जैसी इमारतें भी देखने के योग्‍य है। कहते हैं कि चौकी की मस्जिद के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण औरंगजेब के चाचा ने करवाया था। शहर के उत्तर में पीर इस्‍लाम की दरगाह है। इस दरगाह में औरंगजेब के शिक्षक की समाधि है।

English summary
Maharashtra Assembly Elections 2019: Profile of Aurangabad West Assembly constituency of Maharashtra.
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