सीएम बनने के लिए पार्टी बदलने वालों नेताओं को गडकरी का संदेश- ऐसे लोगों को याद नहीं रखा जाता
पुणे, 24 सितम्बर। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुर्सी के लिए पार्टी बदलने वालों नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि जो नेता सीएम या मंत्री बनने के लिए पार्टी बदलते रहते हैं उन्हें लोग लंबे समय तक याद नहीं रखते। नितिन गडकरी ने कहा कि राजनीति केवल सत्ता में बनने रहने से कहीं अधिक है और यह एक बहुआयामी गतिविधि है।
केंद्रीय मंत्री ने पुणे स्थित एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित 11वीं भारतीय छात्र संसद में 'राजनीति सामाजिक-आर्थिक सुधारों का एक साधन है' नामक विषय पर वर्चुअल संबोधन के दौरान ये बातें कहीं।
"राजनीति को सत्ता की राजनीति के रूप में माना जाता है, लेकिन यह राजनीति का सही अर्थ नहीं है। सत्ता की राजनीति, राजनीति की कई गतिविधियों में से एक है। राजनीति का सही अर्थ राष्ट्र निर्माण और समाज निर्माण, विकास, धर्म करण (अध्यात्म), अर्थ करण (आर्थिक समृद्धि) और सत्ता की राजनीति पर 'लोकनीति' को महत्व देना है।
राजनीति
की
परिभाषा
बदलने
पर
दिया
जोर
उन्होंने
सत्ताकरण
को
ही
वास्तविक
राजनीति
समझे
जाने
पर
अफसोस
जताते
हुए
कहा
कि
इस
परिभाषा
को
बदलने
की
जरूरत
है
और
यह
आपकी
मदद
से
ही
संभव
है
(छात्रों
के
राजनीति
में
शामिल
होने
से)
और
जिनका
उद्येश्य
अपनी
महत्वाकांक्षाओं
को
पूरा
करना
नहीं
है
बल्कि
हाशिए
के
लोगों
की
सेवा
करना
है।
गरीबी,
बेरोजगारी
और
भूख
को
खत्म
करने
की
दिशा
में
काम
करते
हुए
भारत
को
एक
आर्थिक
सुपर
पॉवर
बनाना
है।
केंद्रीय मंत्री ने इसकी चुनौतियों का जिक्र करते हुए सामूहिक प्रयास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि चुनौतियां हैं। पानी की एक-एक बूंद से ही समुद्र बनता है और अगर बूंद समुद्र में नहीं जाने का फैसला कर ले तो समुद्र नहीं बनेगा। इसलिए हर एक बूंद महत्वपूर्ण है।
प्रचार
से
नेता
नहीं
बनते-
गडकरी
बीजेपी
नेता
ने
राजनीति
में
आने
की
इच्छा
रखने
वाले
छात्रों
को
प्रचार
के
पीछे
नहीं
भागने
की
सलाह
दी।
शहर
में
नेताओं
के
जन्मदिन
पर
बड़े-बड़े
होर्डिंग
लगाने
पर
कहा
"इतने
बड़े
होर्डिंग
लगाने
की
क्या
जरूरत
है?
बड़े
होर्डिंग
लगाकर,
अखबारों
में
विज्ञापन
देकर
कोई
नेता
नहीं
बन
सकता।"
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कार्यक्रम में वर्चुअल संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा सत्ता और पद के लिए लगातार पार्टी बदलने वाले नेताओं को लोग लंबे समय तक याद नहीं रखते हैं। गडकरी ने कहा "आज भी छत्रपति शिवाजी महाराज, संत तुकाराम, संत ज्ञानेश्वर महाराज, शाहू महाराज, वीर सावरकर, बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी जैसी हस्तियों को याद किया जाता है लेकिन जो एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाते हैं और मुख्यमंत्री बनते हैं उन्हें लंबे समय तक याद नहीं किया जाता है।"