महाराष्ट्र में चेतावनी, 'डेल्टा प्लस वेरिएंट ला सकता है कोरोना वायरस की तीसरी लहर'
चेतावनी में कहा गया कि डेल्टा प्लस वेरिएंट तीसरी लहर ला सकता है और इस बार संक्रमण दोगुनी रफ्तार से फैल सकता है।
मुंबई, 17 जून: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की घटती रफ्तार के बीच महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर एक अहम चेतावनी दी है। महाराष्ट्र कोविड-19 टास्क फोर्स और मेडिकल एक्सपर्ट की टीम ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कोरोना वायरस प्रोटोकॉल का ठीक ढंग से पालन नहीं किया गया तो संभावित तीसरी लहर के दौरान राज्य में कोविड के एक्टिव मामलों की संख्या दोगुनी हो सकती है। बुधवार को बुलाई गई बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने कोरोना वायरस के हालात को लेकर स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस वेरिएंट की वजह से तीसरी लहर आ सकती है और इस बार संक्रमण दोगुनी रफ्तार से फैल सकता है।
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'सख्ती से लागू करना होगा कोविड प्रोटोकॉल'
बैठक में महाराष्ट्र टास्क फोर्स की टीम ने अपनी चेतावनी में कहा, 'अगर लोगों ने कोविड प्रोटोकॉल अपनाने में लापरवाही बरती तो दूसरी लहर के खत्म होने से पहले ही राज्य में कोरोना वायरस की तीसरी लहर आ सकती है। इससे बचने के लिए बड़े पैमाने पर सीरो सर्वे और कोविड टीकाकरण करने की तो जरूरत है ही, लेकिन साथ में कोरोना महामारी से संबंधित प्रोटोकॉल और प्रतिबंधों को भी सख्ता से लागू करना होगा। थोड़ी सी भी लापरवाही राज्य में गंभीर संकट पैदा कर सकती है।'
'80 लाख तक पहुंच सकते हैं एक्टिव केस'
वहीं, इस मीटिंग में महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में बताया, 'अगर राज्य में तीसरी लहर आती है तो कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों की संख्या 80 लाख तक पहुंच सकती है और इनमें 10 फीसदी केस बच्चों के हो सकते हैं। राज्य में कोरोना वायरस की पहली लहर के दौरान करीब 19 लाख मामले सामने आए थे। दूसरी लहर के दौरान यह संख्या बढ़कर 40 लाख तक पहुंच गई। इसी तरह 9 सितंबर 2020 को महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 23.53 फीसदी था, जो दूसरी लहर में 8 अप्रैल 2021 को सबसे ज्यादा 24.96 फीसदी रिकॉर्ड किया गया।'
सीएम उद्धव ने दिए अहम निर्देश
आपको बता दें कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर में महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। कोविड टास्क फोर्स और एक्सपर्ट की इस चेतावनी को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने स्वास्थ्य एजेंसियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण इलाकों पर सबसे ज्यादा फोकस किया जाए और साथ ही दवाओं से लेकर मेडिकल उपकरणों का पर्याप्त स्टॉक रखें।