Maharashtra Election 2019: प्रदेश की वो 10 हॉट सीटें, जहां है रोचक मुकाबला
नई दिल्ली- 288 विधानसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में इस बार मुख्य रूप से बीजेपी-शिवसेना और कांग्रेस-एनसीपी गठबंधनों के बीच मुकाबला है। इस चुनाव में प्रदेश में जो एक नाम सबसे ज्यादा चर्चित है वह है शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का, क्योंकि पहली बार ठाकरे परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ रहा है। हम यहां उन चुनी हुई 10 विधानसभा सीटों पर चर्चा करेंगे, जहां सभी पार्टियों के दिग्गज उम्मीदवारों की चुनावी किस्मत 24 अक्टूबर के नतीजे से तय होने वाले हैं। उसके बाद इनमें से कुछ की राजनीतिक किस्मत चमकेगी, जबकि कुछ के सियासी तारे गर्दिश में जाने की आशंका है। आइए उन सभी 10 हॉट सीटों का संक्षेप में विश्लेषण कर लेते हैं।
1- नागपुर साउथ-वेस्ट
यहां से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस फिर से चुनाव जीतने के लिए मैदान में हैं। अबकी बार उनके मुकाबले कांग्रेस ने आशीष देशमुख को टिकट दिया है। 2014 में फडणवीस यहां कांग्रेस के प्रफुल्ल गुडाधे पाटिल को 48,000 वोटों से हराकर विधान भवन पहुंचे थे। महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी और आरएसएस के मुख्यालय में बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार को टक्कर दे रहे देशमुख कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रंजीत देशमुख के बेटे हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में आशीष बग के कटोल सीट से बीजेपी के टिकट पर ही चुनाव जीते थे, लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पाला बदलकर कांग्रेस में चले गए थे। नागपुर साउथ-वेस्ट एक शहरी क्षेत्र है, जिसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है और यहां ब्राह्णणों और कुनबी समुदाय के मतदाताओं की भारी तादाद है।
2- वर्ली, मुंबई
मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट इसबार पूरे महाराष्ट्र की सबसे हॉट सीट बन गई है। यहां से पहली बार बाल ठाकरे के परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ा है। शिवसेना यहां से हर हाल में आदित्य ठाकरे को बड़े मार्जिन से चुनाव जिताना चाहती है। यहां से उनके मुकाबले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने सुरेश माने को टिकट दिया है, जो पहले बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और एक दलित एक्टिविस्ट हैं। इस चुनाव क्षेत्र में मुकाबला इसलिए दिलचस्प है, क्योंकि इसी साल एनसीपी छोड़कर मुंबई के पार्टी चीफ सचिन अहीर शिवसेना में शामिल हो चुके हैं। आदित्य ठाकरे यहां विकास के मुद्दे पर मैदान में हैं तो माने उन्हें बाहरी बताकर वोट मांगे हैं।
3- परली, बीड
परली विधानसभा सीट में मुख्य मुकाबला भाजपा कि पंकजा मुंडे और एनसीपी के धनंजय मुंडे के बीच में है। राज्य की ग्रामीण विकास मंत्री और भाजपा का पिछड़ा चेहरा पंकजा मुंडे यहां से लगातार तीसरी बार अपनी किस्मत आजमा रही हैं। इस सीट का कभी उनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। अपनी चचेरी बहन के खिलाफ चुनाव मैदान में धनंजय मुंडे के उतरने से यहां का मुकाबला बेहद दिलचस्प है। वे सियासत में पंकजा को बढ़ाने के खिलाफ अपने चाचा से बगावत कर 2013 में एनसीपी में शामिल हो गए थे। इन दोनों उम्मीदवारों की उम्मीदें स्थानीय वंजारी समुदाय के वोटरों पर टिकी हैं, जिनका इस क्षेत्र में सबसे अधिक दबदबा है।
4- बारामती
बारामती सीट पर एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे अजित पवार और बीजेपी के गोपीचंद पदलाकर के बीच मुकाबला है। 2014 में अजित पवार ने यहां से बीजेपी के प्रभाकर गवाड़े को 90,000 से ज्यादा वोटों से हराया था। बारामती चुनाव क्षेत्र पवार परिवार का गढ़ माना जाता है। अजित पवार यहां से 6 बार विधायक रह चुके हैं और सातवीं भाग्य आजमा रहे हैं। लेकिन, भाजपा ने इस बार धांगर समुदाय के पदलाकर को टिकट देकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है, क्योंकि इस क्षेत्र में उनकी काफी आबादी है। हाल में प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक में लोन घोटाले के संबंध में चाचा-भतीजे का नाम लिया है, जिसके बाद इस सीट का चुनाव रोचक हो गया है।
5- कंकावली, कोंकण
इस सीट पर बीजेपी के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे और शिवसेना के सतीश सावंत के बीच ही मुकाबला है। महाराष्ट्र की यह एकमात्र सीट है, जहां शिवसेना और बीजेपी आमने-सामने है। दरअसल, राणे कुनबे के बीजेपी में आने से ठाकरे परिवार नाराज है, इसलिए उसने यहां से नितेश राणे को चुनौती दी है। 2014 में नितेश यहीं से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते थे। यहां का चुनाव इतना मजेदार हो चुका है कि मुख्यमंत्री राणे के पक्ष में प्रचार करके गए तो उद्धव ठाकरे ने शिवसेना उम्मीदवार के लिए वोट मांगे हैं। शिवसेना इस बार इस सीट से हर हाल में राणे परिवार का वर्चस्व खत्म करना चाहती है, लेकिन बीजेपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने राणे की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी।
6- भोकर, नांदेड़
महाराष्ट्र की भोकर विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं तो उनके मुकाबले में बीजेपी ने बीजेपी ने बीडी गोर्थेकर को उतारा है। 2014 में यहां से अशोक चव्हाण की पत्नी अमीता चव्हाण कांग्रेस की उम्मीदवार थीं, जो 47,557 वोटों से जीती थीं। खुद चव्हाण पिछला लोकसभा चुनाव नांदेड़ से हार गए थे, जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें जीत मिली थी। बीजेपी के प्रत्याशी बापुसाहेब देशमुख गोर्थेकर पहले एनसीपी में थे पिछले कुछ वर्षों से राजनीति से दूर थे।
7- कारजात-जामखेड़, अहमदनगर
राज्य की कारजात-जामखेड़ विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी के राम शिंदे और एनसीपी के रोहित पवार के बीच है। 2014 में यहां से शिंदे ने शिवसेना के रमेश खाड़े को 37,816 वोटों से हराया था। अहमदनगर की इस सीट पर इसबार मुकाबला इसलिए दिलचस्प है कि पवार अहमदनगर जिले की इस सीट पर शरद पवार के पोते रोहित पवार पहली बार अपनी चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। रोहित पवार के लिए ये सीट चुनौती मानी जा सकती है, क्योंकि उनका मुकाबला पिछड़े समुदाय धांगड़ से आने वाले शिंदे से है और यह सीट बीजेपी का गढ़ रहा है। पिछले 25 वर्षों से यहां भाजपा का दबदबा है। इस क्षेत्र में मराठा समुदाय क अलावा अन्या पिछड़ी जातियों (माली और वंजारी) की भी संख्या अच्छी-खासी है। पवार यहां पिछले साल भर से पसीना बहा रहे हैं, जबकि शिंदे यहां के लोकप्रिय विधायक माने जाते हैं। ऐसे में इस क्षेत्र के परिणाम को लेकर दिलचस्पी बढ़ गई है।
8- कोथरूड, पुणे
कोथरूड सीट पर बीजेपी के चंद्रकांत पाटिल को एमएनएस के किशोर शिंदे से कड़ी चुनौती मिल रही है। 2014 में यहां भाजपा की मेधा कुलकर्णी ने शिवसेना के चंद्रकांत मोकाटे को 45,000 से ज्यादा वोटों से हराया था। पुणे शहर की इस सीट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल पहली बार अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं। उनको कड़े मुकाबले में फंसाने के लिए एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन ने एमएनएस उम्मीदवार शिंदे को समर्थन दिया है जो कि स्थानीय पार्षद भी हैं। पाटिल को इस क्षेत्र के ब्राह्मण और मराठा वोटरों की भारी तादाद पर भरोसा है। पाटिल खुद मराठा नेता हैं और उन्हें ब्राह्मण वोट मिलने की पूरी उम्मीद है। बीजेपी के लिए यह प्रतिष्ठा की सीट है और इसलिए उसने सीटिंग विधायक कुलकर्णी को टिकट नहीं दिया है।
9- येवला, नाशिक
येवला विधानसभा क्षेत्र में एनसीपी के दिग्गज नेता छगन भुजबल के सामने शिवसेना के संभाजी पवार खड़े हैं। 2014 में भुजबल ने उन्हें 46,442 वोटों से शिकस्त दी थी। नाशिक जिले की इस सीट से भुजबल चौथी बार चुनाव मैदान में हैं। वे मनी लाउंड्रिंग केस में दो साल जेल रहकर भी आए हैं। चुनाव से पहले ऐसी खबरें थीं कि वह फिर से शिवसेना में लौट सकते हैं, जहां से वे 1991 में निकल आए थे। लेकिन, जानकारी के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने उन्हें पार्टी में शामिल करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस सीट में शिवसेना की भी अच्छी पकड़ है, लेकिन फिर भी 2004 से यह भुजबल का गढ़ बना हुआ है।
10- कराड साउथ
कराड साउथ सीट पर कांग्रेस के टिकट पर राज्य के पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण फिर से चुनाव मैदान में हैं। वे इस सीट से मौजूदा विधायक हैं। बीजेपी ने यहां से अतुल भोसले को फिर से टिकट दिया है, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार उदयसिंह उंडालकर पाटिल के मुकाबले में होने से यहां मुकाबला त्रिकोणीय है। उंडालकर इस सीट से 7 बार विधायक रहे विलासराव उंडालकर पाटिल के बेटे हैं, जिन्हें 2014 में कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था और निर्दलीय लड़कर दूसरे स्थान पर रहे थे। बीजेपी प्रत्याशी अतुल भोसले ने यहां से 2014 में भी चुनाव लड़ा था, लेकिन तीसरे स्थान पर रहे थे। वे पंढरपुर विट्ठल रखुमाई मंदिर समिति के अध्यक्ष भी हैं। अबकी बार उन्हें उम्मीद है कि फडणवीस सरकार के काम की बदौलत उन्हें चांस मिल सकता है।
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