शिवसेना के 16 बागी विधायकों को जाएगा डिप्टी स्पीकर का नोटिस! सदस्यता भी हो सकती है रद्द
मुंबई, जून 25। महाराष्ट्र में आए सियासी संकट का फिलहाल कोई समाधान होता नहीं दिख रहा है। शिवसेना के बागी विधायक बीजेपी के साथ गठबंधन की मांग कर चुके हैं तो वहीं उद्धव ठाकरे ने एकबार और यह साफ कह चुके हैं कि वो किसी भी हाल में बीजेपी के साथ फिर से नहीं जाएंगे। इन सबके बीच खबर है कि महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल 16 बागी विधायकों को नोटिस भेज सकते हैं या फिर उनकी सदस्यता को भी रद्द किया जा सकता है। दरअसल, 16 विधायकों पर कार्रवाई की मांग शिवसेना की ओर से की गई थी। इस संबंध में एक अर्जी डिप्टी स्पीकर के पास पहुंची थी, जिस पर अब डिप्टी स्पीकर हरकत में आए हैं।
शिवसेना की अर्जी पर हरकत में आए डिप्टी स्पीकर
शिवसेना की ओर से डिप्टी स्पीकर के पास दाखिल की गई याचिका पर सोमवार (27 जून) को सुनवाई भी हो सकती है। शिवसेना ने इस याचिका में बागी विधायकों के निलंबन की मांग की है। इसी याचिका को लेकर कहा जा रहा है कि आज डिप्टी स्पीकर 16 बागी विधायकों को नोटिस भेज सकते हैं। ऐसी खबर है कि डिप्टी स्पीकर ने शिवसेना की अर्जी पर विचार करते हुए एडवोकेट जनरल से भी इस बारे में सलाह मांगी है। डिप्टी स्पीकर ने एडवोकेट जनरल को बुलावा भेजा है।
Maharashtra Deputy Speaker Narhari Zirwal is likely to send notices to 16 Shiv Sena rebel MLAs tomorrow for a hearing on the petition filed by Shiv Sena for their suspension. The hearing may take place on Monday, 27th June: Sources
— ANI (@ANI) June 24, 2022
'सदस्यता रद्द हुई तो फ्लोर टेस्ट में शामिल नहीं हो पाएंगे'
आपको बता दें कि शिवसेना की बागी विधायकों के निलंबन की मांग को लेकर शुक्रवार रात को विधानसभा सचिवालय में महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी के साथ अहम बैठक हुई। इसमें अरविंद सावंत, अनिल देसाई भी मौजूद रहे। अनिल देसाई ने बताया कि बागियों की सदस्यता रद्द करने को लेकर कानूनी पहलुओं पर चर्चा हो रही है। ऐसे में सभी विधायकों को नोटिस भेजा जाएगा, हमने डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिख सभी बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की है। ऐसे में अगर उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी तो वे फ्लोर टेस्ट में वोट नहीं कर पाएंगे।
शिवसेना की ओर से बागी विधायकों पर कार्रवाई करने की मांग वाली अर्जी पर एकनाथ शिंदे की भी प्रतिक्रिया आई है। उनका कहना है कि उद्धव ठाकरे की ओर से ऐसी याचिका दायर ही नहीं की जा सकती, क्योंकि उनके पास तो विधायकों का समर्थन ही नहीं तो ऐसे में जारी होने वाला नोटिस या फिर व्हिप अवैध करार दिया जा सकता है।
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