Maharashtra crisis: रहस्यमयी तरीके से कहां गायब हुए थे अजित पवार, MVA में टेंशन ?
मुंबई, 28 जून: महाराष्ट्र की सियासी लड़ाई में एक-दूसरे के खिलाफ तलवारें खिंची हुई हैं। लेकिन, कुछ नेता ऐसे भी हैं, जिनपर अपने भी नजर रखना जरूरी समझते हैं। ऐसे नेताओं में राज्य के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी के दिग्गज अजित पवार का नाम भी है। जिनका राजनीतिक इतिहास ही ऐसा है, जिसको लेकर उनपर अपनी और सहयोगी पार्टी के कुछ नेताओं का भी संदेह बना रहता है। ऐसे में अगर वे कुछ घंटों के लिए रहस्यमयी तरीके से सीन से गायब हो जाएं, यहां तक कि सिक्योरिटी को भी साथ में ना ले जाएं तो संदेह और भी गहरा जाता है और गठबंधन के नेताओं की चिंताएं भी बढ़ जाती हैं।

महा विकास अघाड़ी में टेंशन!
महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच सभी नेताओं की गतिविधियों पर नजरें टिकी हुई हैं। कौन किससे मिलने जा रहा है, कहां किसके साथ बैठक हो रही है। इस राजनीतिक सक्रियता के बीच एक नेता हैं, जो फिलहाल इस मुद्दे पर ज्यादा लाइमलाइट में नहीं आए हैं। वे हैं, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के भतीजे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार। वैसे सोमवार को उन्होंने ट्वीट करके खुद कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी। लेकिन, न्यूज18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक खुद उनके महा विकास अघाड़ी सरकार के नेता और मंत्री, राज्य में जारी राजनीतिक संकट में उनकी भूमिका को लेकर मंथन में जुटे हुए हैं। महाराष्ट्र में यह सियासी संकट विधान परिषद चुनाव में हुई क्रॉस-वोटिंग के तत्काल बाद शुरू हुआ है।

रहस्यमयी तरीके से कहां गायब हुए थे अजित पवार ?
महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ मंत्री ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया है, 'अजित पवार पर नजर रखना जरूरी है। इस संकट के बीच वे अपनी सिक्योरिटी छोड़कर दो घंटे के लिए गायब हो गए थे।' एनसीपी के एक वरिष्ठ नेता ने उनके बारे में यहां तक कहा कि 'अगर उनके बारे में यह चर्चा सही है कि उन्होंने क्रॉस-वोटिंग में मदद की और सरकार को अस्थिर किया है, तब बीजेपी उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाएगी।' दरअसल, 2019 में उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ले लिया था और बाद में समर्थन वापस लेकर वापस उद्धव सरकार में डिप्टी सीएम बन गए थे।

गठबंधन के अंदर भी है घमासान!
तो क्या वह भाजपा के संपर्क में थे? न्यूज18 के मुताबिक इसके बारे में उनके और उनके दफ्तर से कोई जवाब नहीं मिल पाया है। बहरहाल, बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा है, 'हम सभी लोगों से संपर्क में थे और उन्होंने भी हमसे संपर्क किया था। हमें यह तय करना था कि इसे कैसे करना है।' वैसे शिवसेना की सबसे भरोसेमंद सहयोगी एनसीपी दिख रही है, लेकिन बीजेपी सूत्रों का कहना है कि दोनों में से किसी का एक-दूसरे पर भरोसा नहीं है।

किसने शुरू किया महाराष्ट्र का सियासी खेला ?
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने इन दलों के आपसी रिश्तों के बारे में कहा है, 'शिवसेना में कुछ लोग हैं, जिन्हें लगता है कि यह खेल एनसीपी ने खेला है। ऐसे लोग भी हैं जो सोचते हैं कि शिवसेना को अपना घर ठीक रखना चाहिए था और खेला कर दिया। हम सिर्फ इतना ही कह सकते हैं कि हर कोई किसी न किसी समय सभी के संपर्क में रहा। राज्य की राजनीति इसी तरह की है।'

अविश्वास के माहौल में चलती रही सरकार!
ऐसे में सवाल उठता है कि इतने अविश्वास के माहौल में एमवीए सरकार कैसे चल रही है और क्या इसका प्रभाव गवर्नेंस पर नहीं पड़ रहा है। एमवीए सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, 'ये ऐसा ही था, लेकिन क्योंकि हम एमवीए का हिस्सा हैं और बीजेपी को बाहर रखना था तो साथ चलना मैनेज किया या धैर्य बनाए रखा।' वैसे इससे पहले यह भी दावा किया जा चुका है, उद्धव ठाकरे तो दो-दो बार इस्तीफे के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन शरद पवार ने उन्हें फैसला पलटने के लिए समझा लिया।